लोक अभियोजन संचालनालय ने सभी जिला अभियोजन अधिकारियों से कहा है कि प्रत्येक जिलें में एक विटनेस हेल्प डेस्क बनाई जाना है। इस डेस्क में जिला अभियोजन कार्यालय के सहायक ग्रेड.03 कर्मचारीं को प्रभारी अधिकारी नामांकित किया जायेगा। इस हेतु जिला अभियोजन अधिकारीयों से उनके कार्यालय के एक सहायक ग्रेड-03 कर्मचारी का नाम मांगा गया है। इस कर्मचारीं को क्लोज यूजर ग्रुप यानी सीयूजी सिम भी आवंटित की जायेगीं। जिला नीमच से सुनील चावला, सहायक ग्रेड-03 का विटनेस हेल्प डेस्क के प्रभारी अधिकारी के रूप में नामांकन भेजा गया हैए जल्द इन्हें नामांकित कर सीयूजी सिम प्रदान की जाएगी।
आपराधीक घटनाओं वाले प्रकरणों में गवाहों को न्यायालय में गवाही देने के लिए पेश होने के लिए जो समंस जारी होगा उसके साथ एक पेपर पर विटनेस हेल्प डेस्क के प्रभारी अधिकारी का सीयूजी नंबर भी होगा। गवाह न्यायालय में जाकर सीधे इस हेल्प डेस्क पर जायेगाए जहॉ प्रभारी अधिकारी उसे बतायेगा कि किस न्यायालय में उसे पेश होना है। इससे गवाह को न्यायालय में इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा और वह आरोपी पक्ष से संबंधित व्यक्तियों को दलालों के झांसे में आने से बच सकेगा।
क्राईम रेट इसलिए बढ़ता है, क्योंकि आरोपीयों को सजा नहीं मिल पाती है। विटनेस हेल्प डेस्क से सरकारी गवाह न्यायालय में आसानी से गवाही देने आ सकेगें। भटकने एवं आरोपी पक्ष से संबंधित व्यक्तियों, दलालों के झासे में आने से बचेगें। जिससे प्रॉसिक्युशन रेट बढ़ेगा। इस डेस्क की सफलता का आंकलन छ: माह तक देखा जायेगा और अच्छा प्रतिसाद होने पर शासन सिविल केसो मे ऐसी व्यवस्था करेगा।
-राजेन्द्र कुमार, संचालक लोक अभियोजन संचालनालय भोपाल