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मई-जून की गर्मी ने गिराया १४० फीट भू-जलस्तर, ४९९ हैंडपंपों ने तोड़ा दम

-९० हैंडपंपों में लगाई सिंगल फेस की मोटर, १३ गांवों में चलाई नल जल योजना-२५ बसाहटों में किया ट्यूबवेल खनन, ६ निजी टयूबवेल की अधिग्रहण

नीमचJun 11, 2019 / 10:18 am

Mahendra Upadhyay

नीमच. जैसे जैसे गर्मी अपना कहर बरसा रही है। वैसे वैसे जमीन का भू-जलस्तर धरातल में पहुंचता जा रहा है। जहां अप्रैल के अंत तक भू-जलस्तर में १३३ फीट की गिरावट आई थी। वहीं मई-जून की भीषण गर्मी से भू-जल स्तर करीब १४० फीट से अधिक गिर चुका है। ऐसे में जिले में करीब ४९९ हैंडपंपों ने दम तोड़ दिया है। जिससे शहरी ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के रहवासियों को भी पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
चार माह में गिरा ५ मीटर भू-जल स्तर
जिले का भू-जलस्तर गर्मी की शुरूआत के साथ ही दिनों दिन गिरने लगा, जहां जनवरी में जिले का भू-जलस्तर करीब ३१ मीटर गिरा था, वहीं मई में करीब ३६ मीटर भू-जलस्तर में गिरावट आई है। इस मान से करीब चार माह में ४ मीटर भू-जलस्तर में गिरावट आई है। इस प्रकार हर माह करीब १ मीटर भू-जलस्तर में गिरावट आई है।
भू-जलस्तर में गिरावट पर एक नजर
माह नीमच जावद मनासा जिले का औसत
जनवरी ३२.९० ४०.३४ १९.४१ ३१.०८
फरवरी ३२.९१ ३९.६४ २४.६४ ३२.४०
मार्च ३३.५० ४०.२९ २७.२३ ३३.६७
अप्रैल ३६.४१ ४१.७६ ३०.२८ ३६.१५
मई ३७.३३ ४२.२३ ३१.०४ ३६.५३
(आंकडे मीटर में)
४६८ हैंडपंप जलस्तर में आई गिरावट से हुए बंद
जिले में कुल ५ हजार ८५ हंैडपंप हैं। जिसमें से करीब ५९९ हैंडपंप मई माह में बंद हो चुके हैं। जिसमें से करीब ४६८ हैंडपंप जलस्तर में आई गिरावट के कारण बंद हुए हैं। वहीं करीब ३१ हैंडपंप में सुधार की कोई गुंजाईश भी नहीं बची है। चूकि जिन हंैडपंपों में सुधार किया जाना था, उनमें सुधार हो चुका है, इस कारण अब केवल वही हैंडपंप बंद हैं जो केवल जल स्तर में सुधार आने पर ही शुरू होंगे। इस कारण अब लोगों को भी बारिश का इंतजार है।
गर्मी में पेयजल मुहैया कराने यह किए काम, इन गांवों में आ रही थी दिक्कत
गर्मी में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जिले में कई हैंडपंपों में पाईप बढ़ाए गए तो वहीं दूसरी ओर करीब ९० हैंडपंपों में सिंगल फेस की मोटरें डालकर पानी चालु किया गया। इसी प्रकार जिले में करीब २५ बसाहटों में नलकूप खनन किया गया, वहीं १३ गांवों में नल जल योजनाएं चालु की गई है। इसी प्रकार करीब ६ निजी ट्यूबवेलों को अधिग्रहण कर पेयजल मुहैया कराया गया। वहीं पेयजल परिवहन की स्थिति न बने इस कारण ाड़क सनावदा गांव में एक निजी कुए को अधिग्रहण कर करीब ३०० फीट पाईप लाइन के माध्यम से पानी मुहैया कराया गया, इसी प्रकार गांव भरभडिय़ा में भी नलकूप खनन कर ७०० फीट की लाईन डालकर पेयजल मुहैया कराया गया है। समीपस्थ गांव डूंगलावदा में जहां पानी की काफी समस्या थी वहां नलकूप खनन किया गया, इसी गांव में सर्वे चल रहा है शीघ्र ही इस गांव में नल जल योजना शुरू कर स्थाई हल निकाला जाएगा।
पिछले साल की अपेक्षा ५ मीटर कम गिरा भू-जलस्तर
पिछले साल मई माह में जिले का औसत भू-जलस्तर करीब ४१.५८ मीटर गिर चुका था। जिसमें नीमच में ही ४१.८७, जावद में ४३.७६ व मनासा में ३९.१३ मीटर भू-जलस्तर गिरा था। जबकि इस साल जिले का भू-जलस्तर मई माह में मात्र ३६.५३ मीटर गिरा है। जो पिछले साल की अपेक्षा करीब ५ मीटर कम है। जिसका मुय कारण वर्ष २०१८ में बारिश १०५८.३ मिमी हुई है। जबकि इससे पहले २०१७ में ७९७.७ मिमी हुई थी। इस कारण वर्ष २०१८ में अच्छी बारिश का लाभ इस साल मिला है।
जिले में पेयजल सुविधा मुहैया कराने के लिए करीब ९० हैंडपंप में सिंगल फेस की मोटरें लगाई गई। वहीं निजी ट्यूबवेल और कुए भी अधिग्रहित कर पानी की व्यवस्था की है। अब कुछ दिन में बारिश होने पर फिर से जल स्तर में उठाव आ जाएगा।
-एनके सोनार, उपयंत्री
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