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अखाड़े के बुजुर्ग उस्ताद के निधन पर दी अनूठी श्रद्धांजलि

अखाड़े के साथ निकाली मुक्तिधाम तक अंतिम यात्राग्वालटोली में शवयात्रा के आगे आगे करतब दिखाते चल रहे थे पहलवान

नीमचJun 12, 2019 / 11:51 am

Mahendra Upadhyay

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अखाड़े के बुजुर्ग उस्ताद के निधन पर दी अनूठी श्रद्धांजलि

नीमच. उपनगर ग्वालटोली में गंगादीन व्यायामशाला के उस्ताद के निधन पर अखाड़े के पहलवानों ने अनूठ अंदाज में उनकी अंतिम यात्रा निकाली। पूरे रास्ते भर अखाड़े के पहलवान करतब दिखाते चल रहे थे। अखाड़े के पहलवानों ने पूरे समान के साथ अपने उस्ताद को अंतिम विदाई दी।
अखाड़े के साथ श्मशानघाट पहुंची अंतिम यात्रा
ढोल नगाड़े लेजम ताशे बजाते पहलवान। ढोल की थाप पर अखाड़े के करतब दिखाते युवा। यह किसी उत्सव या जुलूस का नजारा नहीं था। गंगादीन व्यायामशाला के उस्ताद रहे तेजाराम कुमिया (८५) की अंतिम यात्रा थी। तेजाराम ने कड़ी मेहनत और परिश्रम कर ग्वालटोली व्यायामशाला से सैकड़ों पहलवानों को तैयार किया था। उत्साद ने अपना सारा जीवन अपने शागिर्दों को अखाड़े में कलाबाजियां और युद्ध कौशल सीखने में समर्पित कर दिया था। तेजाराम उस्ताद के निधन की जानकारी उनके शागिर्दों को लगी तो उन्होंने पूरे समान के साथ अंतिम यात्रा निकालने का निर्णय लिया। अपने गुरु को अंतिम विदाई उन्हीं की दी गई शिक्षा का प्रदर्शन करते हुए दी गई। उस्ताद तेजाराम के निवास से शमशान तक उनकी अंतिम यात्रा बड़ी ही धूमधाम से निकाली गई। अखाड़ों में होने वाली सभी कलाबाजियां व लड़ाई की तकनीकी का प्रदर्शन अंतिम यात्रा में किया गया। शवयात्रा को देखकर रास्ते से गुजरने वाले राहगीर भी अपने आप को नहीं रोक पाए। उस्ताद के प्रति पहलवानों के समर्पण की तारीफ किए बिना नहीं रह पाए। ग्वालटोली के पहलवानों ने अपने गुरु को इस तरह सलामी देखकर गुरु शिष्य परंपरा को नई ऊचाइयां प्रदान की।
पूरे रास्ते पहलवानों ने दिखाए करतब
उत्साद ने व्यायामशाला में कई पट्ठे तैयार किए थे। उनके तैयार किए पहलवानों जिला केसरी सहित प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर नीमच का नाम रौशन किया है। जहां से शवयात्रा प्रारंभ हुई वहां से लेकर श्मशानघाट तक पूरे रास्ते पहलवानों ने अखाड़े में करतब दिखाए। अखाड़े के सामने शवयात्रा रोककर श्रद्धांजलि दी गईथी।
– दिलीप ग्वाला, पहलवान गंगादीन व्यायामशाला
सभी अखाड़ों के पहलवान हुए शामिल
उस्ताद तेजाराम से बचपन से पहलवानी सीखी है। उन्होंने हमें ऐसा तैयार किया जैसे लोहे को कूट कूट कर तैयार किया जाता है। उनकी अंतिम यात्रा में सभी अखाड़ों के उस्ताद और पहलवान ाी शामिल हुए थे। उनकी अंतिम यात्रा में गंगादीन के पहलवानों ने करतब दिखाकर अंतिम विदाई दी।
– पवन दयार, पहलवान गंगादीन व्यायामशाला
समान में निकाला जाता है अखाड़ा
अखाड़े के उस्ताद, खलिफा या वरिष्ठ पदाधिकारी के निधन पर उनके समान में इसी तरह अंतिम यात्रा निकाले जाने की प्रथा है। मंगलवार को उत्साद तेजाराम के समान में गंगादीन व्यायामशाला के पहलवानों ने अखाड़े के साथ शवयात्रा निकाली।
– प्रेमचंद्र ग्वाला, पहलवान गंगादीन व्यायामशाला

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