मजबूत गवाह किए पेश
अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी जगदीश चौहान ने बताया कि अभियोजन की ओर से 9 वर्षीय नाबालिग पीडि़ता, उसकी माता, पीडिता को नाबालिक प्रमाणित करने के लिए स्कॉलर रजिस्टर प्रस्तुत करने वाले अध्यापक, मेडिकल करने वाले डॉक्टर सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान न्यायालय में कराए। वहीं आरोपी के विरूद्ध दुष्कर्म करने के अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराकर दण्ड के प्रश्न पर तर्क रखा गया कि आरोपी द्वारा 9 वर्षीय पीडिता के साथ दुष्कर्म किया गया है। इसलिए उदाहरण स्वरूप आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किया जाए।
यह हुई सजा
अपर सत्र न्यायाधीश मनासा द्वारा आरोपी संतोष पिता रोडूनाथ उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम बर्डियाजागीर (पिपल्यारावजी) थाना मनासा जिला नीमच को धारा 5/6 लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियमए 2012 (पॉक्सो एक्ट) में 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 2000 रु जुर्माना तथा धारा 506 भादवि में 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000रु जुर्माना, इस प्रकार आरोपी को कुल 13 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 3000 रुपए जुर्माने से दण्डित किया तथा पीडिता को 3000रु प्रतिकर प्रदान करने का आदेश भी दिया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी जगदीश चौहान अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।