शौर्य दिवस पर आयोजित रंगारंग कार्यक्रम में बल के जवानों, उनके के सदस्यों और बच्चों ने खूबसूरत एवं मनमोहक प्रस्तुतियां दी। देशभक्ति से ओत-प्रोत गीतों और नृत्य प्रस्तुत कर बच्चों ने समा बांध दिया। ग्रुप केन्द्र के म्यूजिक ग्रुप की प्रस्तुति भी आकर्षण का केंद्र रही। इस कार्यक्रम में पंजाबी, गुजराती, राजस्थानी, हरियाणवी सहित देश के अलग अलग राज्यों के लोकनृत्यों की बच्चों ने शानदान प्रस्तुति दी। बच्चों ने अपनी रंगारंग प्रस्तुति से उपस्थितजनों का दिल जीत लिया था। शौर्य दिवस पर निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। निबंध प्रतियोगिता में बच्चों को ‘शौर्य’ विषय पर लिखने को कहा गया था। बच्चों ने ‘शौर्य’ पर अपनी भावनाओं को खूबसूरती से शब्दों में बांधा। रंगारंग कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले बच्चों और निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को कार्यक्रम में काव्या अध्यक्ष मोनालिका कुमार ने पुरस्कृत किया।
शौर्य दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सबसे पहले कावा अध्यक्ष मोनालिका कुमार और पुलिस उपमहानिरीक्षक राजीव रंजन कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में डीआईजी कुमार ने उपस्थिजनों को संबोधित करते हुए कहा कि 9 अप्रैल 1965 को पाकिस्तानी आर्मी ने ऑपरेशन डेजर्ट हॉक चलाकर भारतीय सीमा में कच्छ का रण (गुजरात) पर आक्रमण किया था। केरिपु बल की द्वितीय बटालियन की महज 2 कम्पनियां सरदार एवं टॉक पोस्ट पर तैनात थीं। पाकिस्तानी सेना की पूरी ब्रिगेड के हमले का जवानों ने बहादुरी एवं अदम्य साहस से सामना किया। जवानों ने बहादुरी का परिचय देते हुए 12 घंटे तक कड़ा मुकाबला कर पाकिस्तानी सेना को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। हालांकि इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना की संख्या अधिक थी। हथियार भी बेहतर थे, परंतु जवानों ने वीरता एवं साहस के दम पर पाकिस्तानी सेना के 34 सैनिकों को मार गिराया। चार पाकिस्तानी सैनिकों को जिंदा पकड़ लिया था। यह घटना सैन्य युद्ध इतिहास में अद्वितीय है। डीआईजी ने कहा कि हमें अपने इतिहास से प्रेरणा लेते हुए अपनी विरासत के अनुसार ही देश की सेवा अपने प्राणों को न्यौछावर करके भी करनी है। देश का हम पर भरोसा है जिसे किसी भी कीमत पर बनाकर रखना हमारा कर्तव्य है। संचालन सहायक कमांडेंट देवीसिंह ने किया। आभार उपकमांडेंट राकेशकुमार ने माना। कार्यक्रम में 244 बटालियन के कमांडेंट परमानंद मीना भी उपस्थित रहे।