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15 साल से एकछत्र राज, फिर भी नहीं दे सके फ्लोराईड मुक्त पानी

15 साल से एकछत्र राज, फिर भी नहीं दे सके फ्लोराईड मुक्त पानी

नीमचNov 19, 2018 / 12:44 pm

harinath dwivedi

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15 साल से एकछत्र राज, फिर भी नहीं दे सके फ्लोराईड मुक्त पानी

नीमच. जिस पानी को अमृत माना जाता है। उसी पानी के कारण लोगों को गंभीर बीमारियां अपनी चपेट में ले रही है। जिसका मुख्य कारण पानी में फ्लोराईड की मात्रा होना है। इस कारण बचपन की उम्र में बच्चे पचपन के नजर आते हैं। वहीं कुछ लोगों पर फ्लोराईड का कहर ऐसा बरपा है कि जहां बैठे थे, वहां से आज तक उठ नहीं पाए। लेकिन आश्चर्य की बात है कि पिछले पंद्राह सालों से एकछत्र राज होने के बावजूद सरकार ग्रामीणों को शुद्ध पानी मुहैया नहीं करा पाई है।
हम बात कर रहे हैं नीमच विकासखंड के ग्राम जावी की, यहां की धरती सालों से फ्लोराईड युक्त पानी ऊगल रही है। जिसका प्रभाव यहां के लोगों में बचपन से ही दिखाई देने लगता है। फ्लोराईड के कारण जहां बच्चों के दांत पीले होकर टूटने लगते हैं वहीं कमर दर्द, घुटनों का दर्द, रीढ़ की हड्डी में समस्या, शरीर की अकडऩ आदि आम बात हो गई है। इस समस्या से ग्रामीणों ने हर जनप्रतिनिधि और आला अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन समस्या का हल आज तक नहीं निकला। यहां के कुछ ग्रामीणों ने सालों पहले जो बिस्तर पकड़ा था, वह आज तक नहीं छोड़ा, समस्या दिन ब दिन विकराल होती जा रही है।
फ्लोराईड रिमुवल प्लांट भी नहीं बुझा पा रहा प्यास
सालों से ग्रामीणों द्वारा अवाज उठाई जा रही है। यहां नल जल योजना के तहत जिन कुओं से पेयजल वितरण किया जाता है। उन कुओं से फ्लोराईड युक्त पानी ही ग्रामीणों को मिल रहा है। लेकिन फ्लोराईड की समस्या से आज तक ग्रामीणों को निजात नहीं मिली है। जैसे तैसे एक साल पहले फ्लोराईड रिमुवल प्लांट गांव में दो स्थानों पर लगाए गए हैं। लेकिन उनकी क्षमता दिनभर में १ हजार लीटर पानी फिल्टर करने की है। ऐसे में इतने कम पानी से ग्रामीणों का गुजारा भी नहीं हो पाता है। वहीं एक प्लांट गांव से बाहर स्थित होने के कारण ग्रामीण उसका उपयोग भी नहीं कर पाते हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि इस गांव में दो हैंडपंप पर फ्लोराईड रिमुवल मशीनें भी लगा रखी है। लेकिन उसका भी विशेष लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है।
यहां रिश्ता करने में दस बार सोंचते हैं लोग
जावी में फ्लोराईड युक्त पानी की समस्या के कारण अन्य गांव के लोग इस गांव में रिश्ता तक करने में सोचते हैं। वहीं कोई मेहमान भी इस गांव में आता है तो यहां के लोगों की समस्या देखकर ज्यादा दिन टिक नहीं पाता है। कुछ ग्रामीण इस समस्या के कारण गांव छोड़कर जा चुके है। वहीं अहमदाबाद के चिकित्सक केवल दांत देखकर ही मरीज को बता देते हैं कि जावी से आए हो। यहां के ९० प्रतिशत से अधिक लोगों को पाईरिया की बीमारी ने घेर लिया है।
मेरे हाथ, पैर, रीढ़ की हड्डी सब जाम हो चुके हैं। उपचार के लिए आठ लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। जरूरत पडऩे पर जमीन तक बेची, लेकिन ऑपरेशन होने के बाद भी स्वयं उठकर नहीं बैठ पाती हूं। मेरे घर में पति ही मेरी देखभाल करते हैं। क्योंकि एक बेटी की शादी हो गई, वहीं एक बेटा सीआईएसएफ में नौकरी करता है। हमने उपचार के लिए सीएम सहायता के लिए आवेदन भी किया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पिछले आठ साल मैंने घर के बाहर की दुनिया नहीं देखी है।
-देवलीबाई, पति रामेश्वर खाती, ग्रामीण
बचपन में दूध के दांत गिरने के बाद जो दांत आए, वे ऐसे आए कि चेहरे की मुस्कान भी छीन गई है। फ्लोराईड के कारण पूरे दंात पीले होने के साथ दांत कमजोर हो चुके हैं। फ्लोराईड के कारण शरीर की हड्डिया भी कमजोर होती है। क्या करें, मजबूरी है पीने के लिए कोई अन्य पानी की सुविधा भी नहीं है। मेरी उम्र मात्र 17 वर्ष है। लेकिन दांत ऐसे हो गए हैं।
-विनीता खाती
पिछले सात आठ माह पहले गले के नीचे का हिस्सा पूरी तरह जाम हो गया, मेरी उम्र 23 साल है, मैं जहां बैठी हूं, वहां से उठ नहीं पाती हूं। मेरा अहमदाबाद में ऑपेरशन भी हुआ, लेकिन इसके बावजूद भी कोई सुधार नहीं हुआ। हालांकि चिकित्सक ने भी बोल दिया था कि हम गांरटी नहीं लेते ही ऑपरेशन के बाद भी सुधार होगा या नहीं। मेरी रिपोर्ट में भी लिखा है फ्लोराईड से प्रभावित।
-बुल्ली खाती, ग्रामीण
फ्लोराईड के कारण शरीर का विकास रूक जाता है। मेरी उम्र मात्र १४ वर्ष है। लेकिन फ्लोराईड के कारण पूरे दांत पीले पड़ चुके हैं। मेरे साथ पढऩे वाले अधिकतर बच्चों का भी यही हाल है। फ्लोराईड के कारण गांव के लोगों को कई प्रकार की बीमारियां घेर रही है।
-राजेश खाती, कक्षा 9 वीं, विद्यार्थी

हमने सभी आलाअधिकारियों तक को इस समस्या से अवगत कराया है। एक साल पहले गांव में दो फ्लोराईड रिमुवल प्लांट भी लगाए गए हैं। ट्यूबवेल भी लगाए हैं। इस समस्या के निराकरण के लिए तीन ऑप्शन है पहला चंबलेश्वर बांध से उचेड़ के यहां से पानी लाना, दूसरा शिवाजी सागर से पानी लाना, तीसरा सरवानिया महाराज कदमाली नदी के समीप कुआ खोद कर राहत प्रदान करना। हम उच्चस्तर पर प्रयास कर समीपस्थ स्रोत से पानी लाने के प्रयास में जुट गए हैं।
-योगेश पुरोहित, जनपद सदस्य प्रतिनिधि, जावी
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते ग्रामीणों को फ्लोराईड युक्त पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। इस चुनाव के दौरान जो भी प्रत्याशी गांव में वोट मांगने आएगा, उसके सामने यह मुद्दा प्रमुखता से रखा जाएगा। हमने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने के लिए ही समिति का गठन किया, जो समय समय पर इस मुद्दे को उठाकर समस्या का निराकरण का प्रयास करती है।
-दिलीप पाटीदार, अध्यक्ष, सार्थक प्रयास संघर्ष समिति
फ्लोराईड की समस्या दूर करने के लिए हम सतत प्रयासरत हैं। थड़ोली के समीप एक कुआ भी खुदवाकर तैयार करवाया है। सिर्फ मोटर लगाकर चालु करवाना है, लेकिन डीपी नहीं लगने के कारण देर हो रही है। हमारा प्रयास है चंबलेश्वर योजना के तहत गांव में पानी लाया जाए, ताकि ग्रामीणों को फ्लोराईड मुक्त पानी की सौगात मिले।
-रामराज पाटीदार, सरपंच, ग्राम जावी

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