विद्युत वितरण कंपनी द्वारा योजना से जुड़े उपभोक्ताओं के घरों का लोड भी चेक किया जा रहा है। योजना के तहत उपभोक्ताओं को सिर्फ एक किलोवाट तक लोड की पात्रता है। यदि निरीक्षण के दौरान इससे अधिक लोड घरों में होना पाया जाता है तो विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को योजना से अपात्र किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं द्वारा योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किए गए थे। इनमें करीब आधा फीसदी जांच निरीक्षण के दौरान योजना से बाहर होंगे।
सहायक यंत्री डीके बालकी ने बताया कि जिला प्रशासन की सूची गणना के आधार पर जिले में 26 हजार श्रमिक परिवार है। लेकिन अभी तक 200 रुपए मासिक बिजली पाने की योजना से करीब 30 हजार परिवार जुड़ चुके हैं और करीब तीन हजार कतार में हैं। ऐसे में साफ लग रहा है कि एक ही परिवार से दो या तीन आवेदन हुए है। इन सभी को रूटिन चैकिंग के समय ध्यान में रखकर हटाया जाएगा।
करीब नो हजार उपभोक्ता के नहीं हुए 200 रुपए बिल के जमा
जिले में श्रमिक कार्डधारी करीब 30 हजार परिवार को 200 रुपए मासिक बिजली योजना से जोड़ा गया था। जिसमें ९ हजार उपभोक्ताओं ने बिल जमा नहीं कराया है। सभी की जांच होगी, काफी ऐसे उपभोक्ता है, जिनके घर एक किलोवाट से अधिक बिजली उपकरण का इस्तेमाल हो रहा है। उन्हें दो माह बाद जांच कर योजना से बाहर निकाला जाएगा।