अब भरना होगा हर माह एक फीसदी सरचार्ज
नीमच. गजट नोटिफिकेशन में बंगला बगीचा क्षेत्र के रहवासियों को व्यवस्थापन के अंतर्गत फार्म जमा कराने के लिए ९० दिन का समय दिया गया था।
टाउन हॉल में बंगला बगीचा क्षेत्र के रहवासी व्यवस्थापन के अंतर्गत फार्म जमा कराने पहुंच रहे हैं।
२३ अगस्त को यह समयावधि समाप्त हो रही है। इस समयावधि के बाद प्रत्येक क्षेत्रवासी को प्रतिमाह के मान से एक प्रतिशत अतिरिक्त सरचार्ज भरना होगा।
दो दिन शेष फिर भी उलझन में रहवासी
बंगला बगीचा क्षेत्र में रहवासियों की समस्या को लेकर प्रदेश मंत्रीमंडल ने सुलझाते हुए बकायदा नए मसौदे को स्वीकृति प्रदान की थी। यहां के रहवासियों की मांग थी कि इस समस्या को जल्द से जल्द सुलझाया जाए। इसके लिए सीधा प्रयास यह किया जाए कि एकमुश्त राशि लेकर सभी को फ्री होल्ड कर दिया जाए। बताया जाता है कि इस सुझाव को लेकर स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों के बीच आम सहमति भी बनी थी। सूत्र मानते हैं कि बंगला बगीचा समस्या को लेकर जब अंतिम मसौदा तैयार किया जा रहा था उस समय जनप्रतिनिधियों ने जनता का पक्ष मजबूरी से नहीं रखा। यही मुख्य वजह है कि आज जनता व्यवस्थापन को लेकर असमंजस में है। गजट नोटिफिकेशन होने के बाद ९० दिन की समयावधि दी गई थी। यह समय पूरा होने में मात्र दो दिन शेष हैं, लेकिन सैकड़ों रहवासियों के सामने अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं होने से वे उलझन में हैं।
गाईड लाइन को लेकर भी फंसा है पेंच
बंगला बगीचा क्षेत्र की वर्षों से चली आ रही समस्या के समाधान के लिए क्षेत्रवासी लम्बे समय से संघर्ष करते आ रहे हैं। अब जाकर समस्या सुलझने की स्थिति में आई है तो नया पेंच फंस गया है। अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जिनके पास रजिस्ट्री और नामांतरण है उन्हें कैसे लीजधारी बनाया जा सकता है। इस बात को लेकर आजादी के बाद से से ६० बंगलों और ५२ बगीचों में निवास रही शहर की करीब ४० फीसदी से अधिक आबादी उलझन में है। उनके सामने यक्ष प्रश्न है कि वे किन नियमों को मानकर व्यवस्थापन को स्वीकार करें। एक ओर तो नगरपालिका ने स्वयं रजिस्ट्री कराई, नक्शा पास किया और निर्माण अनुमति दी। दूसरी ओर इन्हीं दस्तावेजों को नपा अब अस्वीकार कर रही है। इतना ही नहीं जिन लोगों ने आजादी के बाद के वर्षों में कोडिय़ों के दाम जमीन खरीदी थी उनसे वर्तमान गाईड लाइन से व्यवस्थापन शुल्क कैसे और क्यों वसूला जा रहा है।
१८ फीसदी लोगों ने ही जमा कराए फार्म
गजट नोटिफिकेशन के तहत बंगला बगीचा रहवासियों को दी गई ९० दिन की समयावधि २३ अगस्त को समाप्त हो रही है। व्यवस्थापन के तहत फार्म खरीदने और जमा कराने के लिए टाउन हॉल में काउंटर बनाया गया है। पिछले ८८ दिनों में कुल २ हजार ५०९ फार्म बंगला बगीचा क्षेत्र के रहवासियों ने खरीदे हैं। दूसरी ओर व्यवस्थापन प्रक्रिया के अंतर्गत फार्म जमा कराने वाले की संख्या ४४७ की है। यह कुल बिके फार्मों का १८ फीसदी है। अब प्रश्न यह उठता है कि जनप्रतिनिधियों ने जनता के हित में बंगला बगीचा समस्या समाधान करने का दावा कर रहे हैं तो लोग फार्म जमा कराने में रुचि क्यों नहीं दिखा रहे हैं।
दो दिन बाद से जेब पर पड़ेगा अतिरिक्त भार
बंगला बगीचा क्षेत्रवासियों के लिए स्वीकृत किए गए गजट नोटिफिकेशन में स्पष्ट लिखा गया है कि ९० दिन की समयावधि के बाद भी फार्म जमा नहीं कराए जाते हैं तो प्रतिमाह के मान से एक फीसदी सरचार्ज भरना होगा। यह राशि हर माह के बाद जुड़ती जाएगी। आशय यह कि यदि १० माह बाद फार्म जमा कराया गया तो १० फीसदी सरचार्ज जमा कराना होगा। ऐसे में क्षेत्रवासियों की जेब पर आथिक भार पडऩा तय है। जब ढाई हजार फार्म बिके और मात्र १८ फीसदी लोगों ने ही जमा कराए हैं तो इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी बड़ी संख्या ऐसे लोगों की होगी जिन्हें सरचार्ज भरना पड़ेगा।
२४ से लगेगा सरचार्च
गजट नोटिफिकेशन के मान से बंगला बगीचा क्षेत्रवासियों को फार्म जमा कराने का ९० दिन का समय दिया गया था। अब तक ढाई हजार फार्म बिक चुके हैं। यह बात सही है कि कम संख्या में लोगों ने फार्म जमा कराए हैं, लेकिन लोग व्यवस्थापन प्रक्रिया को स्वीकार कर रहे हैं। किसी के पास नक्शा नहीं है तो संयुक्त परिवार होने से परिवार के सदस्यों के फार्म पर हस्ताक्षर नहीं हो पा रहे है। इसके अतिरिक्त कई लोग शहर से बाहर भी निवास कर रहे हैं। कुछ परिवारों की सम्पत्ति यहां है लेकिन वे विदेश में हैं। ऐसे में समय लग रहा है। फार्म जमा कराने की कोई अंतिम तारीख नहीं है। जब चाहे जमा करा सकते हैं, लेकिन २४ अगस्त से एक प्रतिशत सरचार्ज अतिरिक्त देना होगा।
– मनोज चौरसिया, व्यवस्थापन प्रभारी
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