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नीमच

अब पुलिस ने ८० वर्षीय बीमार बुजुर्ग के साथ यह क्या कर दिया

किसानों ने दिया एसडीएम के नाम ज्ञापन

नीमचMay 28, 2018 / 11:17 pm

harinath dwivedi

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बीमार किसान अपनी व्यथा सुनाते हुए।

नीमच/मनासा. एक जून से किसान आंदोलन को लेकर पुलिस कुछ ज्यादा ही मुस्तैद हो गई है। किसान आंदोलन में पुलिस कोई चूक नहीं करना चाहती है ताकि क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनी रहे। ऐतिहयात के तौर पर शांति बनाए रखने के लिए सीआरपीसी की धारा 107/116(3) के तहत सूचना पत्र देकर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए करीब 70-80 किसानों को नोटिस दिए। इनमें गांव ढाकनी निवासी 80 वर्षीय किसान गणेशराम पाटीदार को नोटिस देने की बात को लेकर किसानों में आक्रोश है।
भारतीय किसान यूनियन ने सोमवार को मनासा तहसीलदार मधु नायक को एसडीएम के नाम ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया गया की सरकार पुलिस के माध्यम से किसानों को जेल भेजने का षड्यंत्र कर रही है। तीन वर्ष से बीमार 80 वर्षीय किसान गणेशराम पाटीदार को नोटिस देकर प्रशासन सारी मानवीय हदों को पार कर गया है। वो बीमार है। आज पेशी पर उनको दो लोग उठा कर लाए हैं। साथ ही जिन किसानों को पुलिस ने चिन्हित किया है। उनका अभी तक किसी थाने में कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं हैंं। ऐसे में किसानों को मानसिक रूप परेशान किया जा रहा है। जिस धारा में किसानों को नोटिस दिए हैं वो वापिस लें, किसान किसी भी प्रकार का अनुबंध पत्र नहीं भरेंगे। वही तहसीलदार मधु नायक ने बताया कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने 60, 70 लोगों के नाम कार्रवाई में आए थे। जिनको न्यायलय ने नोटिस दिए हैं सभी अपना पक्ष रखें। मामले में जब मनासा थाने पर पदस्थ बिट प्रभारी नागेश यादव से बात हुई तो उन्होंने बताया कि 80 वर्षीय व्यक्ति नोटिस देने का सवाल ही नहीं उठता है। उसके बाद भी अगर ऐसा हुआ है तो लिखने में कोई त्रुटि हुई है जिसको तत्काल सुधार लिया जाएगा में अभी दिखवाता हूं।
किसान शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे आंदोलन
भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष अर्जुनसिंह बोराना ने बताया कि किसान शांति पूर्ण तरीके से आंदोलन करेंगे। किसान गांव से नहीं निकलेंगे, नहीं सड़क की ओर जाएंगे। वहीं जो किसान भाई आंदोलन में सब्जी एवं दूध लेकर जाएंगे उनका माला पहना कर स्वागत किया जाएगा। उनसे निवेदन किया जाएगा। अगर वो किसानहित में हमारे साथ आते हैं तो ठीक, नहीं तो किसान स्वतंत्र हैं। साथ ही किसान यूनियन किसी भी उवद्रव व हिंसा को बढ़ावा नहीं देता हैंं। अगर किसान आंदोलन में किसान यूनियन के नाम से कोई भी असामाजिक तत्व उवद्रव मचाने की कोशिश करता है तो पुलिस सख्त से सख्त कार्रवाई करे। साथ ही किसान यूनियन प्रशासन से अनुरोध करता है कि ये किसानों का शांति पूर्ण आंदोलन है जिसमें किसानों को परेशान न किया जाए।

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