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नीमच

यहां महिला चिकित्सकों के साथ हुआ कुछ ऐसा कि…

समस्या हल कराने जिला पंचायत सीईओ ने ली बैठक

नीमचFeb 25, 2020 / 01:16 pm

Mukesh Sharaiya

Neemuch

नीमच

नीमच. जिला चिकित्सालय में दो महिला चिकित्सक लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहीं थी। उनके अपने तर्क थे और सिविल सर्जन के अपने। दोनों के बीच तालमेल नहीं बैठ रहा था। परेशानी मरीजों को उठाना पड़ रही थी। सोमवार को जिला पंचायत सीईओ भव्या मित्तल ने सिविल सर्जन और महिला चिकित्सकों को चर्चा के लिए बुलाया। करीब एक घंटे चली बैठक में दोनों महिला चिकित्सक एक भी तथ्य ऐसा नहीं रख पाईं जिससे उनका पक्ष मजबूत होता दिखे। अंत में ‘थोड़ा तुम झुको, थोड़ा हम झुकें’ की तर्ज पर मामले का पटाक्षेप हुआ।
शासन के निर्देशों का करना ही होगा पालन
जिला चिकित्सालय में पदस्थ तीन महिला चिकित्सकों में से दो महिला चिकित्सक डा. नमिता ओझा और डा. प्रियंका जोशी बिना सूचना के लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहीं थी। इसके चलते सैकड़ों महिला मरीजों को प्रतिदिन परेशान होना पड़ रहा था। सिविल सर्जन डा. बीएल बोरीवाल द्वारा ओपीडी में सभी चिकित्सकों की उपस्थिति अनिवार्य की गई थी। महिला चिकित्सक इसका विरोध कर रहीं थी। ओपीडी और रात की ड्यूटी साथ साथ करने में असमर्थता व्यक्त कर रहीं थी। सिविल सर्जन पर तुलगकी फरमान जारी करने के आरोप लगाते हुए दोनों महिला चिकित्सकों ने अस्पताल आना ही बंद कर दिया था। मामले ने जब तूल पकड़ा तो सिविल सर्जन ने दोनों महिला चिकित्सकों के साथ बैठक भी की, लेकिन मामला नहीं सुलझा। कलेक्टर तक शिकायत पहुंचने पर उन्होंने सोमवार को बैठक करने की बात कही थी। कलेक्टर के निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ भव्या मित्तल ने सोमवार सुबह 10.30 बजे दोनों महिला चिकित्सकों और सिविल सर्जन की चर्चा के लिए बुलाया था। बैठक के बाद दोनों महिला चिकित्सकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि शासन के निर्देशों का पालन करना ही होगा। समस्या है तो उसका समाधान निकाला जाएगा। इस प्रकार मनमाने तरीके से कार्य नहीं चल सकता। बैठक के बाद दोनों महिला चिकित्सक ने मंगलवार से ड्यूटी ज्वाइन करने की बात कही।
दो साल की चाइल्ड केयर लीव संभव नहीं
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भव्या मित्तल कि सुबह जिला चिकित्सालय की दो महिला चिकित्सकों और सिविल सर्जन को बैठक के लिए बुलाया था। करीब एक घंटे बैठक चली। बैठक में महिला चिकित्सकों की समस्याओं के बारे में चर्चा की। उन्हें स्पष्ट रूप से बताया गया कि शासन के निर्देशों का पालन करना ही होगा। दोनों महिला चिकित्सकों की ड्यूटी चार्ट की जानकारी ली तो पता चला कि एक महिला चिकित्सक आपीडी और ऑन कॉल ड्यूटी में 7-7 दिन रहती है। दूसरी महिला चिकित्सक आपीडी में 5 और ऑन कॉल ड्यूटी में 8 दिन रहती है। यह सामान्य है। अधिक ड्यूटी होती तो समस्या समझ में आती। ओपीडी में महिला मरीजों को देखने के लिए चिकित्सक की कमी है। इस समस्या को गंभीरता से ले रहे हैं। महिला चिकित्सकों ने चाइल्ड केयर लीव के बारे में भी बताया था। दो साल की लीव देना किसी कीमत पर संभव नहीं है। दो-तीन माह की लीव ही संभव है। पूर्व में यदि किसी ने दो साल की चाइल्ड केयर लीव ली है तो यह गलत हुआ था। मैंने सिविल सर्जन को रोस्टर तैयार करने के लिए कहा है। मंगलवार से महिला चिकित्सक ड्यूटी पर आएंगी।
मंगलवार से दोनों महिला चिकित्सक आएंगी
सोमवार को जिला पंचायत सीईओ भव्या मित्तल ने चर्चा के लिए बुलाया था। ओपीडी का सुबह 9 से शाम 4 बजे का जो समय निर्धारित किया है उसमें महिला चिकित्सकों को भी आना होगा। जिस रात महिला चिकित्सक ड्यूटी पर रहेंगी उन्हें दूसरे दिन ओपीडी में आने में समय की छूट दी जाएगी, लेकिन छूट तभी दी जाएगी जब रात को वे ऑपरेशन करती हैं तो। दो साल की चाइल्ड केयर लीव देने के लिए स्पष्ट रूप से मना कर दिया गया है। रोस्टर तैयार किया गया है। इसके तहत की चिकित्सकों की ड्यूटी लगेगी। सीईओ के साथ हुई बैठक के बाद दोनों महिला चिकित्सक डा. प्रियंका जोशी व डा. नमिता ओझा मंगलवार से ड्यूटी ज्वांइन करेंगी।
– डा. बीएल रावत, सिविल सर्जन

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