औसत से कम बारिश के बाद भी लक्ष्य से अधिक बोवनी
लगातार बारिश से बढ़ सकता है चना का रकबापिछले साल की तुलना में दलहन का रकबा बढ़ा
जिले में बारिश होने के बाद इस तरह लहलहा रही है फसल।
नीमच. शासन ने इस साल औसत से कम बारिश होने की वजह से जिले को सूखाग्रस्त घोषित किया है। यही मुख्य कारण रहा कि इस साल कृषि विभाग ने भी रबी की बोवनी का रकबा पिछले साल की तुलना में घटाया है। कृषि विभाग ने इस साल रबी का जो लक्ष्य निर्धारित किया है उसे अधिक बोवनी अब तक हो चुकी है। पिछले तीन दिनों से हुई अच्छी बारिश की वजह से चना का रकबा बढऩे की संभावना है।
रबी बोवनी पर एक नजर (हेक्टेयर में)
फसल पिछली बोवनी प्रस्तावित क्षेत्र अनुमानित बोवनी
गेहूं ५२००० ३०००० ३०३१०
जौ ७६० १००० ८६०
चना ३०००० ३५००० ३८१००
मटर २०० २०० ६५
मसूर ७४० २००० ९४०
सरसों २०४१० २१००० २०४००
अलसी ४३० १००० १०७०
लक्ष्य से १०१.९ फीसदी क्षेत्रफल में हुई बोवनी
अनाज का कुल प्रस्तावित क्षेत्र ३१ हजार हेक्टेयर निर्धारित किया गया था। इसके अनुपात में ३१ हजार १७० हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोवनी की गई। वहीं दलहन में ३७ हजार २०० हेक्टेयर बोवनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसकी तुलना में ३९ हजार १०५ हेक्टेयर में बोवनी अब तक हुई है। इसी प्रकार जिले में तिलहन का लक्ष्य २२ हजार हेक्टेयर निर्धारित किया गया था। इसकी तुलना में २१ हजार ६२० हेक्टेयर में बोवनी हो चुकी है। जिले में पिछले साल एक लाख ४ हजार ५४० हेक्टेयर क्षेत्रफल में रबी फसल की बोवनी हुई थी। इस साल कुल ९० हजार २०० हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोवनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसकी तुलना में जिले में अब तक कुल ९१ हजार ८९५ हेक्टेयर क्षेत्रफल में रबी की बोवनी हो चुकी है। जो निर्धारित लक्ष्य से अधिक है। प्रतिशत के मान से देखा जाए तो इस साल जिले में अब तक १०१.९ प्रतिशत क्षेत्रफल में बोवनी हुई है।
मानसून की बेरूखी से प्रभावित हुई बोवनी
पिछले साल जिले में कुल एक लाख ४ हजार ५४० हेक्टेयर क्षेत्रफल में रबी की बोवनी हुई थी। इस मान से देखा जाए तो पिछले साल की तुलना में इस साल १२ हजार ६४५ हेक्टेयर क्षेत्रफल में कम बोवनी हुई है। जिले में इस साल अब तक ९१ हजार ८९५ हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोवनी हुई है जो इस साल के निर्धारित लक्ष्य से अवश्य अधिक है, लेकिन पिछले साल हुई कुल बोवनी से कम है। इसका मुख्य कारण इस साल जिले में औसत से भी कम बारिश होना है। बारिश कम होने की वजह से सबसे अधिक प्रतिकूल असर गेहूं की बोवनी पर पड़ा है। जहां पिछले साल जिले में कुल ५२ हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोवनी हुई थी वहीं पानी की कमी की वजह से इस साल मात्र ३० हजार ३१० हेक्टेयर क्षेत्रफल में की गेहूं की बोवनी की गई है। यह इस साल के लक्ष्य से अवश्य अधिक प्रतीत हो रहा है, लेकिन पिछले साल की तुलना में २२ हजार हेक्टेयर कम है। इससे यही अनुमान लगाया जा सकता है कि जिले में इस गेहूं का उत्पादन काफी प्रभावित होगा। इसकी तुलना में दलहन का उत्पादन बढ़ेगा। क्योंकि पिछले साल जिले में हुई कुल बोवनी से इस साल दलहन का रकबा काफी अधिक रहा है। पिछले साल जिले में कुल ३० हजार ९४० हेक्टेयर क्षेत्रफल में दलहन की बोवनी हुई थी, जबकि इस साल अब तक लक्ष्य से भी अधिक ३९ हजार १०५ हेक्टेयर क्षेत्रफल में दलहन की बोवनी हो चुकी है।
तीन दिन की बोरिश से बढ़ेगा रकबा
सोमवार से जिले में हो रही बारिश से फसलों को नया जीवन मिला है। यह बात सही है कि इस साल औसत से कम बारिश होने से पिछले साल की तुलना में कम क्षेत्रफल में बोवनी हुई है। बारिश की वजह से अब चना का रकबा बढऩे की पूरी संभावना बनी है। औसत १० से १२ हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बारिश के चलते बोवनी बढऩे की संभावना है।
– एनसी पाटीदार, वरिष्ठ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी