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आवारा मवेशी मुक्त शहर में सांड ने सफाई कर रहे बुजुर्ग पर किया हमला, मौत

नीमच के गणेश स्कूल के सामने सड़क पर हुई घटना, मुख्य मार्गों पर भी जमे रहते हैं मवेशी

नीमचMar 13, 2018 / 05:54 pm

harinath dwivedi

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नीमच। सोमवार को सांड के हमले में एक और बुजुर्ग ने अपने प्राण गवा दिए। पूर्व में दो बार सांड के हमले हो चुके हैं। इसके बाद भी नगरपालिका अधिकारी यह बात स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि शहर में खुलेआम सांड विचरण कर रहे हैं। आश्चर्य इस बात पर है कि वे सांड को गाय बताने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।
सोमवार को शहर के बघाना स्थित गणेश स्कूल के सामने सड़क पर सुबह ९.३० बजे सफाई कर रहे एक बुजुर्ग को सांड ने अपना शिकार बना लिया। सड़क पर जिस समय सीताराम पिता छीतरमल (६५) निवासी धनेरियाकलां रोड बघाना पर सफाई कर रहे थे तभी पीछे से सांड ने हमला कर दिया। उन्हें तुरंत जिला चिकित्सालय ले जाया गया जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। अन्त्य परीक्षण कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
पूर्व में दो की हो चुकी है मौत
जिला मुख्यालय पर ही पिछले २ सालों में सांड के हमले में दो लोगों की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके शहर में स्वच्छंद विचरण कर रहे मवेशियों को पकडऩे में नपा प्रशासन गंभीरता नहीं बरत रहा है। सांड के हमले का पहला मामला बघाना स्थित रेलवे फाटक पर सामने आया था। एक बुजुर्ग साइकिल सवार पर सांड ने हमला कर उसे सकी मौत हो गई थी। दूसरा मामला स्कीम नंबर ९ खेत नंबर २७ चमड़ा कारखाने के पास बनी रपट पर हुआ था। यहां अग्रवाल समाज के ७० वर्षीय बुजुर्ग जो अपने घर के बाहर बैठे उन्हें सांड ने अपना शिकार बनाया था। इस हमले में उनकी भी मौत हो गई थी।
४८ हजार रुपए महीने का खर्च
मवेशियों को पकडऩे के लिए नगरपालिका प्रशासन ने ६ अस्थाई कर्मचारियों को तैनात कर रखा है। प्रत्येक कर्मचारी को प्रतिमाह ८ हजार रुपए वेतन दिया जाता है। चौकाने वाली बात यह है कि इन कर्मचारियों पर प्रतिमाह नगरपालिका ४८ हजार रुपए खर्च करता है। बावजूद इसके शहर में खुलेआम मवेशी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इतना ही नहीं मुख्य मार्गों पर बैठकर यातायात भी बाधित करते हैं। नगरपालिका प्रशासन ने अक्टूबर २०१७ में जिला मुख्यालय को आवारापशु मुक्त शहर घोषित कर दिया था। इसके बाद भी शहर में चहुओर मवेशियों के झुंड के झुंड दिखाई दे रहे हैं।
शहर में नहीं एक भी सांड
शहर में कहीं भी सांड नहीं है। हमने सभी को पकड़कर शहर के बाहर कर दिया है। तीन-चार दिन का अवकाश होने की वजह से मवेशियों को नहीं पकड़ा जा सका था। जल्द अभियान चलाया जाएगा। इस कार्य में नपा के ६ कर्मचारी तैनात किए गए हैं। सीताराम रेलवे से सेवानिवृत्त सफाईकर्मी थे। यह भी स्पष्ट नहीं हुआ है कि हमला सांड ने ही किया था।
– विश्वासचंद्र शर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी नपा

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