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नीमच

भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों में मच रही हडकंप

भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों में मच रही हडकंप

नीमचAug 24, 2019 / 01:04 pm

Virendra Rathod

भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों में मच रही हडकंप

भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों में मच रही हडकंप

नीमच। जिले में भ्रष्टाचार की जड़े किस कदर शासकीय हर विभाग के समाई है, यह तो लोकायुक्त की लागातार कार्रवाई से सामने आ रहा है। यह कार्रवाई तो तिनका भर भी नहीं है, भ्रष्ट अधिकारियों ने जड़े लंबे समय से प्रशासन में जमाकर सिस्टम को खोखला किया हुआ है, बिना लेनदेन के कोई काम नहीं होता है। जिले में पटवारी हो या एडीएम का रीडर या फिर कोर्ट के शासकीय वकील सभी बिना लेनदेन के काम करते ही नहीं है। यहां पर एक पीडि़त आकर भौचक्का रह जाता है। लोकायुक्त की लागातार हो रही कार्रवाई ने अब इन भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच हडकंप मचा दी है। इस वर्ष में चार शासकीय अधिकारियों को रिश्वत लेते लोकायुक्त की टीम ने पकड़ा है।

केस: 1- वर्ष 2015 में रतनगढ़ के नायब तहसीलदार शंभू सिंह सिसौदिया को लोकायुक्त टीम ने बालमुकुंद धाकड़ की शिकायत जमीन नामांतरण करवाने के नाम पर 5 हजार की रिश्वत की मांग पर रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ा था। नामांतरण के लिए २५ हजार रुपए की रिश्वत की मांग नायब तहसीलदार ने की थी।

केस: 2- 29 जनवरी 2019 को रतनगढ में जाट गांव में जमीन बंटवारे को लेकर मूलचंद पिता मेघराज सुथाार से पटवारी सुभाष सिंह ने 20 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। उसने उसके रिश्तेदार नीलेश सुथार के साथ लोकायुक्त उज्जैन में शिकायत दी थी। जिसके बाद टीम ने गुर्जर हाऊस पर पटवारी द्वारा रिश्वत देने के लिए बुलाया गया था। वहां पर रिश्वत लेते उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।

केस: 3- 1 अगस्त 2019 को एडीएम विनय कुमार धोका के रीडर कमलेश गुप्ता ने चीताखेड़ा गांव निवासी राकेश पिता जगदीश परमार से अतिक्रमण की शिकायत पर उसके पक्ष में मामला कराने के नाम पर पांच हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। शासकीय जमीन पर अध्यापक अजय शर्मा ने अतिक्रमण कर मकान बना लिया था। मामले में तहसीलदार और एसडीएम कोर्ट में राकेश के पक्ष में फैसला हुआ था। जिसके बाद आरोपीगण ने एडीएम कोर्ट में आवेदन लगाया था। कलेक्टर कार्यालय के सामने शर्मा रेस्टोरेंट पर पांच हजार रिश्वत लेते रीडर कमलेश गुप्ता को लोकायुक्त टीआई बसंत श्रीवास्तव सहित टीम ने पकड़ा था।

केस : 4- 25 अप्रेल 2019 को जमीन का पुराना रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के बदले में जावद तहसील के उम्मेदपुरा पंचायत के सचिव मोहननाथ योगी ने जिला अस्पताल के लैब टेक्निशियन मो. हारून नीलगर से 80 हजार रुपए की मांग की थी। जिस मामले में दस हजार रिश्वत के साथ सचिव मोहननाथ को टीम ने ट्रेप किया था।

अभियोजन की स्वीकृति का इंतेजार
वर्ष 2019 की चार कार्रवाई में अभियोजन स्वीकृति का इंतेजार है, जबकि अन्य पांच प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन है। जिन्हें गवाह और बयान को लेकर मामला लंबित चल रहा है। कोर्ट में ठीक तरह से गवाह के बयान होने के चलते मामले लंबित है। वहीं पुराने कई मामले में शासकीय वकील द्वारा ठीक प्रकार से गवाह के बयान और पैरवी नहीं होने के कारण आरोपी बरी हो रहे थे। कोई शिकायतकर्ता सामने नहीं आ रहा था। लोकायुक्त टीम की पूरी तरह नजर थी, जैसे ही शिकायतकर्ता सामने आया और टीम ने अपना कार्य किया है। न्यायालय में भी न्याय के नाम पर परेशान किया जा रहा है।
– बसंत श्रीवास्तव, निरीक्षक लोकायुक्त उज्जैन।

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