scriptबेरोजगारों को नौकरी देने वाला विभाग ही अब जाएगा निजी हाथों में | The jobless department to the unemployed will now go in private hands | Patrika News

बेरोजगारों को नौकरी देने वाला विभाग ही अब जाएगा निजी हाथों में

locationनीमचPublished: Dec 05, 2018 11:42:26 pm

Submitted by:

Virendra Rathod

बेरोजगारों को नौकरी देने वाला विभाग ही अब जाएगा निजी हाथों में

patrika

बेरोजगारों को नौकरी देने वाला विभाग ही अब जाएगा निजी हाथों में

नीमच। शहर में इन दिनों रोजगार कार्यालय का हाल बेहाल है। दो बाबू और एक चतुर्थकर्मचारी की नियुक्ती है। रोजगारी अधिकारी को कई जिलो का प्रभार है, जिसके चलते वह यहां पर दिखते ही नहीं है। वहीं एक बाबू की तबीयत खराब होने से करीब दो माह से दफ्तर ही नहीं आया। उसके बाद कर्मचारी को गत दिनों से करीब चार माह से वेतन नहीं मिलने से अलग ही समस्या खड़ी थी। अब निजीकरण करने के चलते कर्मचारियों में हडकंप मचा है। 15 हजार से अधिक बेरोजगार के आवेदन विभाग में है, लेकिन रोजगार सिर्फ अभी तक 400 को ही विभाग उपलब्ध करा पाया है।

 

विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार रोजगार कार्यालय का कार्य भार अब निजी कंपनी के हाथों में जा रहा है। कंपनी के हाथ में रोजगार दफ्तर 15 प्लेसमेंट सेंटर होंगे। अप्रासंगिक हो गए मप्र के रोजगार दफ्तरों में नई जान डालने के लिए राज्य सरकार ने उन्हें निजी हाथों में सौंपने की तैयारी शुरू की है। ये अब नए रूप में प्लेसमेंट सेंटर के रूप में दिखाई देंगे। तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग ने पुणे की एक निजी कंपनी के साथ अनुबंध किया है। जो इन सेंटरों को न केवल संचालित करेगी। परंतु प्रदेश में हर साल एक लाख लोगों को रोजगार भी देगी। निजी कंपनी मौजूदा रोजगार दफ्तरों को प्लेसमेंट सेंटर के रूप में विकसित करेगी। मप्र में 15 जिलों को चिन्हित किया गया है, जहां सेंटर चलेंगे। इनसे पूरे मप्र के 51 जिलों के बेरोजगार व स्किल्ड युवकों को जोड़ा जाएगा। केंद्र सरकार की रोजगार स्कीम के तहत मप्र को पांच साल के लिए 19 करोड़ रुपए मिले हैं, जिसे निजी कंपनी को दिया जाएगा।

सर्वप्रथम 15 जिला मुख्यालयों पर होगा निजीकरण

रोजगार विभाग और पूणे की यशस्वी एकेडमी फॉर टेलेंट मैनेजमेंट के बीच अनुबंध किया गया है। यह पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड के आधार पर रोजगार दफ्तरों को चलाएगी। साथ ही उन्हें ठीक भी करेगी। जोशी ने कहा कि इस करारनामे से चयनित 15 जिला मुख्यालयों पर बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाने के कार्य प्राथमिकता से किए जा सकेंगे। जिन जिलों में प्लेसमेंट सेंटर बनने हैं। उनमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रीवा, ग्वालियर, सागर, उज्जैन, होशंगाबाद, शहडोल, धार, खरगौन, देवास, सिंगरौली, सतना एवं कटनी जिले शामिल हैं। इन जिलों का चयन इसलिए भी किया गयाए क्योंकि यहां औद्योगिक गतिविधियां अन्य जिलों की अपेक्षा ज्यादा हैं। अब सैकंड फेज में नीमच को भी स्थान मिलेगा।

एक माह का शॉर्ट स्कील ट्रेनिंग केंप लगेगा

रोजगार कार्यालय का कार्यभार निजी कंपनी को सौंपा जा रहा है। युवाओं के पंजीयन से लेकर उनके प्लेसमेंट तक कोई राशि नहीं ली जाएगी। जो उद्योग प्लेसमेंट के तहत युवाओं को रखेंगे, वही उद्योग कम से कम न्यूनतम मानदेय युवाओं को देगी। इसके बाद हर साल होने वाले खर्च की राशि और उद्योग से मिलने वाले न्यूनतम मानदेय के बाद भी प्लेसमेंट सेंटर चलाने वाली कंपनी को घाटा होता है तो उसकी भरपाई होगी। वहीं नीमच जिले में 17 दिसंबर से 15 जनवरी तक कॅरियर कॉउसलिंग हायर सैकंडरी में अनुतीर्ण छात्र-छात्राओं की जाएगी। उनके लिए शॉर्ट स्कील ट्रेनिंग के लिए विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना में 12वी, 11वी व 10वी फेल छात्र-छात्राओं को जोड़ा जाएगा।

– मनोज अग्रिहोत्री, उपसंचालक, रोजगार निर्माण विभाग मध्यप्रदेश।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो