विशेषज्ञों ने कहा: पानी का अपव्यय रुके और बरसात के पानी का सरंक्षण हो
हर ग्राम पंचायत क्षेत्र में होगा तालाब का निर्माण, जल संरक्षण पर मीडिया संवाद में कलेक्टर और विशेषज्ञ ने की कार्ययोजना पर चर्चा

नीमच। जल को बचाने के लिए हर व्यक्ति को जागरूक होने की जरूरत है। इसके लिए हर व्यक्ति खुद की जिम्मेदारी समझें। जिले में आगामी वर्षाकाल के पहले हर ग्राम पंचायत में कम से कम एक तालाब निर्माण की कार्य योजना तैयार की गई है। मनरेगा से तकनीकी और प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है।
तालाब निर्माण का यह अभियान जिले में जल संरक्षण के लिए सार्थक परिणामदायी साबित होगा। जल संरक्षण के कार्य में शासन, प्रशासन के साथ ही समाज भूमिका महत्वपूर्ण है। यह बात कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रमसिंह ने शुक्रवार को जिला पंचायत में जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा जल संरक्षण विषय पर आयोजित मीडिया संवाद कार्यक्रम में कही।
कलेक्टर ने कहा कि आगामी 2 जुलाई को नीमच जिले में प्रत्येक गांव, पंचायत, खंड, नगरों में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। हर वर्ग की इसमें भागीदारी होगी। जितने पेड़ पौधे होंगे उतना ही अधिक वर्षा का जल जमीन पर संरक्षित होगा। हर घर पर रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की आवश्यकता उन्होने बताई। ग्रीष्मकाल को ध्यान में रखते हुए पेयजल के समुचित प्रबंध करने के लिए जल संरक्षण आवश्यक है। जल संरचनाओं, तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए भी अभियान चलाया जाएगा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से जिले जल आवश्यकता वाले क्षेत्रों में नलजल योजना एवं हैण्डपंप का खनन कराया जाएगा। पानी के अपव्यय को रोकने की भी जरूरत पर उन्होने चर्चाकी।इस पूरे अभियान में उन्होने मीडिया की भागीदारी को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। जल संरक्षण विषयों के जानकार एवं लेखक प्रकाश भटनागर ने कहा कि जल के लिए संवाद की यह परंपरा प्रशंसनीय है। मीडिया जल संरक्षण से संबंधित ऐसे मुद्दों को प्रकाश में लाएं जिनसे आम आदमी पानी को बचाने, संरक्षण करने और सदुपयोग करने के प्रति पे्ररित हों, इससे जुड़ी कमियों को भी उजागर करें।
आशुतोष नवाल ने कहा कि पानी का अपव्यय रूके, और बरसात के पानी का सरंक्षण हो, इसके लिए सभी को सामूहिक प्रयास करना होगें। कपिलसिंह चौहान ने जल संरक्षण के लिए जिले में हुए विभिन्न कार्यों पर लघु फिल्म बनाने की बात कही। डॉ. जीवन कोशिक ने पुरानी जल संरचनाओं को पुर्नजीवित करने, राकेश सोन ने नीमच शहर के बीच से बहने वाले नालों संरक्षित करने, पंकज श्रीवास्तव ने मनासा, रामुपरा, जीरन, रतनगढ़ के पुराने तालाबों को बचाने की बात कही। दिनेश प्रजापति, भगत वर्मा, हितायतउल्ला खान, सुनील भट्ट, मनीष बागडी ने भी विचार व्यक्त किए।जनसंपर्क अधिकारी जगदीश मालवीय ने कार्यक्रम का संचालन किया, मुख्तार अली ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी, मीडियाकर्मी उपस्थित थे।
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