शैक्षणिक सत्र 2019-20 प्रारंभ हुए डेढ़ माह का समय बीत चुका है। लेकिन बच्चों के खाते में अभी तक गणवेश की राशि नहीं आई है। ऐसे में बच्चे बगैर गणवेश ही विद्यालय पहुंच रहे हैं। चूकि चंद दिनों बाद ही स्वतंत्रता दिवस आ रहा है। शासन की मंशा रहती है कि स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में बच्चे गणवेश पहनकर की पहुंचे। लेकिन जब गणवेश की राशि ही बच्चों के खाते में नहीं आई है तो बच्चे कैसे गणवेश सिलवा पाएंगे।
53 हजार बच्चों की हो गई मेपिंग
जिले में कक्षा 1 से 8 तक करीब 52 हजार 700 बच्चों की मेपिंग हो चुकी है। इन बच्चों को प्रति गणवेश 300-300 रुपए के मान से 600 रुपए प्रति बच्चे के खाते में राशि डालनी है। जिसमें शासन द्वारा हर साल नामांकन का करीब 80 प्रतिशत राशि डाल दी जाती है। लेकिन अभी तक एक भी बच्चे के खाते में राशि नहीं पहुंची है। उक्त राशि भोपाल से जारी होती है।
बगैर गणवेश के विद्यालय पहुंच रहे बच्चे
पत्रिका ने जब जिला मुख्यालय पर स्थित कई स्कूलों में नजर डाली तो हालात आश्चर्य जनक नजर आए। अधिकतर विद्यालयों में पढऩे आए बच्चे बिना गणवेश के विद्यालय पहुंचे थे। बच्चों से पूछा गणवेश नहीं पहनकर आए तो उन्होंने बताया कि खाते में डे्रस के पैसे आने के बाद घरवाले सिलवाएंगे।
गणवेश की राशि भोपाल से जारी होगी। फिलहाल गणवेश की राशि के संबंध में कोई दिशा निर्देश नहीं आए हैं। लेकिन संभवता शीघ्र ही बच्चों के खाते में राशि भिजवाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
-डॉ पीएस गोयल, डीपीसी