scriptमहिला अतिथि विद्वान पर लगे फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हासिल करने के आरोप | Woman guest scholar accused of getting job with fake documents | Patrika News
नीमच

महिला अतिथि विद्वान पर लगे फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हासिल करने के आरोप

पत्रिका एक्सक्लूसिव
शिकायत के बाद भी जांच कमेटी के सामने उपस्थित नहीं हुईं अतिथि विद्वानकॉलेज प्राचार्य स्वीकारते हैं कि प्रारंभिक जांच में दस्तावेज हैं संदिग्ध

नीमचJan 28, 2022 / 07:53 pm

sachin trivedi

patrika news

,,big action patrika news


मुकेश सहारिया, नीमच. एक महिला अतिथि विद्वान संदिïग्ध दस्तावेजों के आधार पर लम्बे समय से शासकीय रामचंद्र विश्वनाथ महाविद्यालय मनासा नौकरी कर रही है। चौकाने वाली बात यह है कि प्रारंभिक दृष्टि में दस्तावेज फर्जी प्रतीत हो रहे हैं, लेकिन कॉलेज प्रबंधन अब तक वैधानिक कार्रवाई करना तो दूर दस्तावेजों की जांच तक नहीं कर पाया। जांच हेतु कमेटी भी बनाई गई, लेकिन महिला अतिथि विद्वान अब तक कमेटी के सामने उपस्थित तक नहीं हुईं। दस्तावेज मांग तो वो भी उपलब्ध नहीं कराए। आश्चर्य की आ यह है कि उनके प्रमाण पत्र (दस्तावेज) डिजिटल भी नहीं है।

क्रीमी लेयर में आती हैं, ओबीसी का लिया लाभ
शासकीय रामचंद्र विश्वनाथ महाविद्यालय मनासा में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने का मामला सामने आया है। बड़ी बात यह है कि इस मामले में शिकायत होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने प्रमाण पत्रों की जांच करना भी उचित नहीं समझा और नियुक्ति पत्र दे दिया। मनासा कॉलेज में समाजशास्त्र विषय में नियुक्त महिला अतिथि विद्वान शोभा चौरसिया से जुड़ा मामला है। शिकायतकर्ता कन्हैयालाल लोहार का आरोप है कि आरटीआई के अंतर्गत जो दस्तावेज उन्हें महाविद्यालय से प्राप्त हुए हैं उनमें प्रारंभिक रूप से गड़बड़ी स्पष्ट नजर आ रही है। नियुक्त अतिथि विद्वान की पूरी शिक्षा बिहार राज्य से है पर उन्होंने जाति और मूल निवासी प्रमाण पत्र मध्यप्रदेश के लगाए हैं। उनके मूल निवासी प्रमाण पत्र में ग्राम का नाम नवोदय नई है पर जाति प्रमाण पत्र में गांव का नाम हटा है। नियुक्त अतिथि विद्वान विवाहित हैं और उन्होंने पति के नाम से आवेदन किया है पर जाति और मूल निवासी प्रमाण पत्र पिता के नाम पर है। जाति और मूल निवासी प्रमाण पत्र न तो नवीन प्रोफार्मा पर है और न ही डिजिटली ही है। उल्लेखनीय है कि नियुक्त अतिथि विद्वान के पति नवोदय विद्यालय में कार्यरत हैं। इस लिहाज से वह क्रीमी लेयर में भी होनी चाहिए। इसके बाद भी भी ओबीसी कोटे का उन्होंने लाभ उठाया है। इसके चलते उन्हें अतिरिक्त अंक भी दिए गए हैं। यही नहीं महिला अतिथि विद्वान ने वर्ष 1999 में स्लेट की परीक्षा उत्तीर्ण की है। वहां के दस्तावेजों में पिता का नाम रामप्रसाद चौरसिया है, जबकि उनके अन्य शैक्षणिक प्रमाणपत्रों में पिता का नाम रामप्रसाद मोदी है। यह भी कि जब संबंधित अतिथि विद्वान ने पति के नाम से आवेदन किया है तो उन्हें जाति और क्रीमी लेयर संबंधी आय प्रमाणपत्र भी पति के नाम का देना चाहिए था। उन्होंने ऐसा नहीं करते हुए पिता के नाम का आय प्रमाणपत्र दिया है। इस मामले को लेकर अन्य उम्मीदवारों ने उच्च अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही यह भी गंभीर विषय है कि महिला अतिथि विद्वान ने क्रीमी लेयर में न होने से संबंधित आय प्रमाणपत्र भी ज्वांइनिंग के करीब 10 दिन बाद 17 सितंबर 2021 को दिया वो भी पिता के नाम का आय प्रमाणपत्र है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि प्राचार्य के संज्ञान में दस्तावेज की गड़बड़ी का मामला पहले से ही था।

दस्तावेज नहीं होने पर किया था टर्मिनेट
प्राचार्य मनासा कॉलेज डा. मोतीलाल धाकड़ ने बताया कि जब शोभा चौरसिया ने मनासा कॉलेज में ज्वाइन किया था उनके दस्तावेज पूरे नहीं थे। इस आधार पर मैंने उन्हें 2-3 दिन के लिए टर्मिनेट भी कर दिया था। बाद में २ लाख रुपए वार्षिक आय का प्रमाण पत्र बनवाकर ले आईं थी। उनके पति रामपुरा नवोदय विद्यालय में उपप्राचार्य हैं। शोभा चौरसिया ने ज्वाइनिंग के दौरान जो दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं उनको लेकर गंभीर शिकायत मिली है। क्रीमी लेयर में होने के बाद भी ओबीएस कोटे का लाभ लेने के गंभीर आरोप लगे हैं। इस बारे में मिली शिकायत के आधार पर मैंने एक जांच कमेटी भी बनाई है। शोभा चौरसिया अब तक न तो कमेटी के सामने पेश हुईं और न ही उन्होंने जांच के लिए अब तक दस्तावेज ही उपलब्ध कराए हैं। कॉलेज में नियम हैं कि ज्वाइनिंग के समय परिवार के समस्त स्त्रोतों से आय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाना चाहिए। चौरसिया के पति उच्च पद पर पदस्थ हैं। उनके दोनों बच्चे भी नौकरी में है। वे स्वयं औसत ३० हजार रुपए मासिक वेतन प्राप्त करती हैं। इसके बाद भी उन्होंने पिता के दस्तावेजों के आधार पर मात्र २ लाख रुपए का आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है। दस्तावेजों की जांच के लिए ही कमेटी बनाई है, लेकिन वे उसके समक्ष प्रस्तुत ही नहीं हो रही हैं। स्थिति यह बन गई है कि उन्हें ब्लेक लिस्टेंड भी किया जा सकता है। शिकायत की जांच में वे किसी प्रकार का सहयोग नहीं कर रही हैं। कई बार तो मैं स्वयं टेंशन में आ जाता हूं कि शोभा चौरसिया मेरे खिलाफ की हरासमेंट का आरोप न लगा दे और मुझे पुलिस का संरक्षण लेना पड़ जाए।

फर्जी दस्तावेज हैं, जांच होना चाहिए
मनासा कॉलेज में अतिथि विद्वान शोभा चौरसिया के दस्तावेज प्रारंभिक दृष्टि में ही फर्जी प्रतीत होते हैं। मैंने इस संबंध में जांच कराने की मांग की है। मेरी शिकायत को करीब तीन महीने हो गए हैं। इसके बाद भी अब तक जांच नहीं की गई। इस प्रकार फर्जी प्रमाण पत्र से ओबीसी कोटे में नौकरी कर दूसरे लोगों का हक मारा गया है। मेरी मांग है कि जल्द से जल्द जांच कर सच्चाई सामने लाना चाहिए।
– कन्हैयालाल लोहार, शिकायतकर्ता

सभी आरोप गलत हैं
मैं पिछले १६ सालों से विभिन्न कॉलेजों में सेवाएं दे चुकी हूं। मेरे सभी दस्तावेज सही है। ग्राम बांगरेड़ निवासी मेरे ही रहे एक छात्र कन्हैयालाल लोहार ने मेरी शिकायत की है। मैंने आयएएस स्तर की परीक्षा उत्तीर्ण कर रखी है। जो भी आरोप लगाए गए हैं वे सभी गलत हैंं।
– शोभा चौरसिया, अतिथि विद्वान

दस्तावेजों की कराई जाएगी जांच
शासकीय रामचंद्र विश्वनाथ महाविद्यालय मनासा में समाज शास्त्र की अतिथि विद्वान शोभा चौरसिया द्वारा ज्वाइनिंग के दौरान कौन से दस्तावेज जमा कराए थे इसकी मुझे मानकारी नहीं है। यदि दस्तावेज फर्जी है तो उनकी जांच कराई जाएगी। इस संबंध में मनासा कॉलेज प्राचार्य से मैं बात कर पूरी जानकारी लूंगा।
– डा. वीके जैन, प्राचार्य लीड कॉलेज नीमच

Home / Neemuch / महिला अतिथि विद्वान पर लगे फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हासिल करने के आरोप

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो