अंकुर गुप्ता, ज्वाइंट एमडी, आशियाना हाउसिंग
नई दिल्ली। रियल एस्टेट सेक्टर पर नोटबंदी का सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। माना जा रहा है कि ब्लैकमनी पर कंट्रोल से कीमतों में गिरावट होगी और आम खरीदारों को फायदा होगा और पहले ही नकदी संकट से जूझ रहे डेवलपर्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन वास्तव में इससे दोनों को फायदा होगा, खरीदारों का भरोसा और पारदर्शिता बढ़ने से डेवलपर्स को फायदा होगा।
घर खरीदना आसान हो जाएगा
नोटबंदी से रियल एस्टेट सेक्टर में खपाया जाने वाला कालाधन रुकेगा जो गलत तरीके से होने वाली प्रॉपर्टी डील को बंद करेगा। ऐसा होने से इस सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी जिससे घर खरीदने की पूरी प्रक्रिया सरल हो जाएगी। यानी, घर बुक कराने से लेकर पजेशन तक घर खरीदार को अभी जैसी परेशानियों का सामना नहीं करना होगा। कालाधन रुकने से प्रॉपर्टी की कीमतों में बेवजह तेजी नहीं आएगी और यह हर वर्ग की पहुंच में होगा। वहीं, रियल एस्टेट सेक्टर और संगठित और रेगुलराइज्ड होगा। इससे सिर्फ अच्छे डेवलपर्स ही मार्केट में काम कर पाएंगे।
घरों की सप्लाई कम होगी
नोटबंदी के प्रभाव से मध्यावधि में घरों की सप्लाई कम होगी। ऐसा इसलिए होगा कि रियल एस्टेट बिल के आने के बाद से कई तरह के सख्त कानून लागू हो जाएंगे। खरीदारों के पास काफी अधिकार होंगे। वहीं, नोटबंदी से गलत तरीके की फंडिंग पर रोक लगेगी। इसके चलते वैसे डेवलपर्स मार्केट से बाहर चले जाएंगे जो गलत तरीके से काम कर रहे हैं। साथ में नए प्लेयर को भी कई तरह की समस्याएं आएंगी। इसके घरों की सप्लाई कम होगी। हालांकि, लंबी अवधि में यह फिर से ठीक हो जाएगा।
नौकरीपेशा वर्ग को सबसे अधिक फायदा
समय पर पजेशन नहीं मिलने से खरीदारों ने अंडरकंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी खरीदना बंद कर दिया है। रियल एस्टेट बिल और अब नोटबंदी जैसे सुधारवादी कदमों से फिर भरोसा कायम होगा। खरीदार फिर से अंडरकंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी खरीदने का मन बनाएंगे। इससे इस सेक्टर को पटरी पर लौटाने पर मदद मिलेगी। नोटबंदी का सबसे बड़ा फायदा नौकरीपेशा लोगों को होने की उम्मीद है। उन्हें प्रॉपर्टी खरीदने के लिए ब्लैक में पैसे का इंतजाम करने की जरूरत नहीं होगी।
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