इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सत्येंद्र जैन ने कहा कि स्मार्ट बनने के लिए हमें सस्टेनेबल बनाना होगा। स्मार्ट और सस्टेनेबल विकास एक साथ चलते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लिए हमें बहु-मंजिला इमारतों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। बड़े शहरों में प्लानिंग की समस्या हैं और ज़ोनिंग प्रतिबंध कम से कम होने चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के समय में संपूर्ण विकास वाले मॉडल की आवश्यकता है। जो भी स्मार्ट है, वह कुशल और लागत प्रभावी होगी।
वर्क फ्रॉम होम के लिए प्लान में हो इजाजत
सत्येंद्र जैन ने कहा कि आज शहरों के लिए जो मास्टर प्लान बनता है, वो बहुत ही सख्त है। यह हमारे देश के अलावा किसी और देश में नहीं होता है। आईटी सेक्टर की तरक्की के साथ आज लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। ऐसे में अगर आपने 3 बेड रूम का एक फ्लैट बनाया और एक रूम आप ऑफिस के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो इसकी छूट आपको होनी चाहिए। हमें शहरों के अंदर ज़ोनिंग प्रतिबंधों को भी कम करने की ज़रूरत है। साथ ही, हमें सूची बनानी चाहिए, जिससे हमें यह पता चले कि हम क्या नहीं कर सकते हैं।
आने वाले समय में पानी की होगी समस्या
उन्होंने कहा कि पूर्ण स्मार्ट होने के लिए हमें सस्टेनेबल होने की भी आवश्यकता है। आने वाले समय में सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है। बिजली की समस्या को सौर उर्जा से हल किया जा सकता है, लेकिन पानी की समस्या को नहीं, क्योंकि वह सीमित मात्र में उपलब्ध है और हमारी ज़रूरतें ज्यादा हैं। इसलिए हमें पानी को रिसाइकल करने की ज़रूरत है। पानी को बचाने के लिए हम काफी प्रयास कर रहे हैं। बारिश के पानी को हम जल्द से जल्द नदियों में डालकर समुद्र में पहुंचाने की कोशिश करते हैं, ताकि शहरों में पानी का जमाव न हो सके। किसी भी शहर को हरियाली की बहुत ज़रुरत होती है।
दिल्ली में 12 प्रतिशत इलाके में सड़कें
दिल्ली के शहरी विकास मंत्री ने कहा कि दुनिया में कोई ऐसी जगह नहीं है, जहां सड़कों का क्षेत्र दिल्ली जितना हो। सभी जगहों में 10 से 12 प्रतिशत सड़कों का क्षेत्र है, लेकिन इसके बाद भी दिल्ली की सड़कों पर भीड़ रहती है। इसलिए हमें इस बारे में बुनियादी रूप से सोचने की ज़रूरत है। शहरों की प्लानिंग में हमें जनता को भी शामिल करना चाहिए। एक समय पर दिल्ली के काफी सारे दफ्तर बंद होकर गुरुग्राम में खुल गए, लेकिन आज अगर आप दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर जाते हैं, तो आपको रोज़ 3 लाख से भी ज्यादा गाड़ियाँ दिल्ली आती दिखेगी। यह कोई समाधान नहीं है। हमें समस्याओं को समग्र रूप से देख कर उसका हल करना होगा। मुझे लगता है कि स्मार्ट सिटी कुशल और लागत प्रभावी होंगी|
सार्वजनिक वाहन के प्रयोग से ही बनेगा स्मार्ट शहर
सत्येंद्र जैन ने कहा कि यूरोप को देखें, तो वहां अमीर लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं, उसके विपरीत दिल्ली में लोग खुद के ट्रांसपोर्ट को तबज्जो देते हैं। एक स्मार्ट सिटी वह है, जहां लोग ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें। अगर हम पूरी प्रणाली को स्मार्ट बनना चाहते हैं तो, इसके लिए कई रास्ते हैं। हमें बस उन रास्तों पर चलने की ज़रूरत है। इस एग्जिबिशन में लोगों को नई टेक्नोलॉजी देखने का मौका मिलेगा और उनको नए विचार आएंगे। मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत के साथ लोगों को नए विचारों से अवगत कराया जाएगा, जो इस तरह के तकनीकी रूप से उन्नत बातचीत के निर्माण में मदद करेगा।