भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुंडजे ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर दो पृष्ठों का बयान जारी कर राजनयिक मिशन स्थाई रूप से बंद करने की घोषणा की। इसमें कहा गया कि तालिबान और भारत सरकार, दोनों की ओर से नियंत्रण त्यागने के लगातार दबाव को देखते हुए दूतावास को एक कठिन विकल्प चुनना पड़ा। अब भारत में अफगान गणराज्य का कोई राजनयिक नहीं है। दूतावास में सेवाएं देने वाले कार्मिक अन्य देशों में सुरक्षित पहुंच गए हैं। भारत में मौजूद एकमात्र व्यक्ति तालिबान से जुड़े राजनयिक हैं, जो उनकी नियमित ऑनलाइन बैठकों में भाग ले रहे हैं।
मामुंडजे ने कहा है कि अफगानिस्तान दूतावास को भारत सरकार की ओर से मिल रही लगातार चुनौतियों के कारण 23 नवंबर से नई दिल्ली में अपना राजनयिक मिशन स्थायी रूप से बंद करने की घोषणा करते हुए खेद है।
बयान में कहा गया है कि अफगान गणराज्य के राजनयिकों ने मिशन को पूरी तरह से भारत सरकार को सौंप दिया है। अब यह भारत सरकार पर निर्भर करता है कि वह मिशन के भाग्य का फैसला करे, चाहे इसे बंद रखा जाए या इसे तालिबान के राजनयिकों को सौंपने की संभावना वाले विकल्पों पर विचार किया जाए। इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान की ओर से नियुक्त राजनयिकों की जिम्मेदारी आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गई है।