दरअसल जेटली मुश्किलों को हल करने के लिए ही जाने जाते हैं। पार्टी हो या फिर दूसरा क्षेत्र जेटली को ट्रबलशूटर के तौर पर जाना जाता था। अच्छे वकील, वक्त और वित्त प्रबंधक होने के साथ-साथ वो नेक दिल इंसान भी थे।
यही वजह है कि एम्स में जिस दौरान उनका इलाज चल रहा था। उस दौरान भी उन्हें लोगों की चिंता थी। इलाज के दौरान वे एक बड़ा काम एम्स में करवा गए।
चंद्रयान 2 को लेकर आई बड़ी खबर, बढ़ सकती है वैज्ञानिकों की मुश्किल पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को याद कर डॉक्टरों और मरीजों की आंखें भर आती हैं। देहांत से पहले भर्ती रहे जेटली इलाज के दौरान अन्य मरीजों का भी ख्याल रखते थे।
डॉक्टरों की मानें तो उन्होंने मरीजों के लिए ठंडे पानी की सुविधा न होने की स्थिति में पांच वाटर कूलिंग मशीनें लगवाई थीं। इतना ही नहीं इन मशीनों की मरम्मत और रखरखाव का खर्च वे अपने वेतन से उठाते थे।
डॉक्टर कहते हैं कि वे जब तक भर्ती रहे मुस्कुराते रहे। वे एक जीवंत व्यक्ति थे। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया कहते हैं कि वे गंभीर रूप से बीमार होने के बावजूद जीने की अद्भुत क्षमता रखते थे।
वे दर्द में भी हंसते थे और आसपास के लोगों के बारे में सोचते थे। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली इससे पहले भी कई बार एम्स में भर्ती हो चुके हैं। पिछले साल उनका किडनी प्रत्यारोपण हुआ था।
जिसे करने के लिए दिल्ली अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. संदीप गुलेरिया के अलावा दो वरिष्ठ डॉक्टर पीजीआई चंडीगढ़ से भी आए थे। 2019 में उनके सारकोमा में सॉफ्ट टिश्यू मिले थे, जिसे लेकर उन्हें न्यूयॉर्क के डॉक्टरों की सलाह लेनी पड़ी थी।