दोनों नेताओं की मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब बिहार में सत्ताधारी एनडीए गठबंधन में आपसी तनातनी भी कई बार दिख चुकी है। बता दें, विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सीएम नीतीश और विजय सिन्हा के बीच सदन के अंदर ही तीखी नोकझोंक हुई थी। साथ ही विजय सिन्हा कई बार नीतीश सरकार की नीतियों की भी आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर भी कई सवाल उठाए थे।
तो वहीं बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता की पीएम मोदी से मुलाकात की खबरों के बीच कई तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या मुजफ्फरपुर जिले के बोचहां विधानसभा सीट पर बीजेपी की हुई करारी हार में भूमिहार समाज की नाराजगी की बात दिल्ली दरबार तक पहुंच चुकी है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या पीएम मोदी ने भूमिहारों की नाराजगी पर बात करने के लिए ही विजय कुमार सिन्हा को मिलने का वक्त दिया है।
दूसरी तरफ, हाल के दिनों में नीतीश कुमार को बिहार के सीएम पद से हटाकर उप राष्ट्रपति बनाने, राज्य मंत्रीमंडल में फेरबदल की बातें भी हो रही हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम मोदी से होने वाली विजय सिन्हा की मुलाकात में बिहार की राजनीती पर भी चर्चा हो सकती है।
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तो वहीं दिल्ली में स्पीकर विजय कुमार सिन्हा और पीएम मोदी की होने वाली मुलाकात पर बिहार विधानसभा का कहना है कि यह औपचारिक भेंट होगी। विधानसभा कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि बिहार विधानसभा का शताब्दी समापन समारोह होने वाला है। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी आमंत्रित करने का फैसला लिया गया है। इसलिए स्पीकर विजय सिन्हा खुद पीएम मोदी से मिलकर उन्हें आमंत्रण पत्र देने पहुंचे हैं। कहा जा रहा है कि शताब्दी समापन समारोह के अलावा बिहार भाजपा की कार्यप्रणाली के मुद्दे पर भी पीएम मोदी से मंत्रणा होने की उम्मीद है। हालांकि अभी तक यह तय नहीं है कि विधानसभा के शताब्दी वर्ष समापन समारोह में पीएम मोदी आएंगे या नहीं या फिर वे वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़ेंगे। विजय सिन्हा की ओर से पीएम मोदी को कार्यक्रम में आने का अनुरोध किया जाएगा।
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