जोशी ने कहा कि इस प्रकार की कम्पनीयों के कारण निवेशकों को आर्थिक एवं मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है, अपने जीवन भर की कमाई को एफ.डी. में जमा करवाया या फिर हर महीने की बचत को आर.डी. में जमा करवाकर भविष्य को सुरक्षित करने की सोची लेकिन इस प्रकार की कम्पनीयों के कारण आमजन के सुनहरे सपने अन्धकार में बदल गये है। उन्होंने कहा कि देश में पी.ए.सी.एल, आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी, सहारा इंडिया ग्रुप आदि कई नाम हैं जिन पर लोगों ने एजेन्टों के माध्यम से भरोसा किया एवं अपनी मेहनत की गाढी कमाई का निवेश किया।
जोशी ने कहा कि इस प्रकार की कम्पनीयों के देश में निवेशकां की रकम को अपनी शैल कंपनी में निवेश कर दुर्विनियोग करने का मामले सामने आये है। अब अधिकांश निवेशक जो अपनी निवेशित रकम मांग रहे लेकिन उनको भुगतान नहीं किया जा रहा हैं, इनके निवेशक आज भी अपनी रकम वापस पाने के लिये प्रयासरत हैं। जबकी अधिकतर रकम इसके निदेशकों ने अपने व अपने रिश्तेदारों के नाम कर दि या इधर उधर निवेश कर दी हैं। उन्होंने लोकसभा में केंद्र सरकार से इस मामले में कठोर कानून बनाने की मांग की।
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