अमरनाथ यात्रा मार्ग की सारसम्भाल का जिम्मा पहले बालटाल से जम्मू-कश्मीर सरकार का सार्वजनिक निर्माण विभाग और चंदनबाड़ी से पवित्र गुफा तक के रास्ते को तैयार करने काम पहलगाम विकास प्राधिकरण सम्भालता था। पिछले साल केंद्र सरकार ने दोनों मार्गों की सारसम्भाल का जिम्मा बीआरओ को सौंप दिया था।
रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया कि दोनों आधार शिविरों से पवित्र गुफा तक के रास्ते को तैयार करने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से रास्तों पर जमा बर्फ हटाने और ट्रैक को चौड़ा करने, फुटब्रिज तैयार करने व ब्रैक वॉल तैयार करने जैसे काम शामिल हैं। यात्रा मार्ग पर पिछले साल के मुकाबले बर्फबारी इस बार गई गुणा ज्यादा हुई है और कई जगहों पर दस से बीस फीट तक बर्फ जमा है। इसे साफ करने का काम तेजी से किया जा रहा है। यात्रा का मार्ग इसके शुरू होने से पंद्रह दिन पहले ही पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि यात्रा का कार्यक्रम गत 10 अप्रैल को जारी होने के बाद 17 अप्रैल से यात्रियों का पंजीयन शुरू किया गया था। इस बार बड़ी संख्या में लोगों ने 62 दिन चलने वाली यात्रा के लिए पंजीयन करवाया है।
तैयारियों की समीक्षा
जम्मू-कश्मीर प्रशासन की उच्च स्तरीय बैठक में यात्रा तैयारियों की समीक्षा की गई। यात्रा निवास के पुनर्विकास का काम 15 जून तक पूरा कर लेने के निर्देश दिए गए हैं। जम्मू स्थित यात्री निवास भगवती नगर का इस्तेमाल यात्रा के दौरान मुख्य आधार शिविर के तौर पर किया जाता है। यात्रा के मद्देनजर चिकित्सकों व मेडिकल स्टाफ के अवकाश रद्द किए गए हैं।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए है। इसके तहत अर्द्धसैनिक बलों की अतिरिक्त 45 कम्पनियां तैनात की जाएगी। अगले सप्ताह से इनकी तैनाती शुरू हो जाएगी। श्रद्धालुओं के काफिले और आधार शिविरों की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ संभालेगी। सेना की रोड ओपनिंग पार्टी भी यात्रा मार्ग पर मुस्तैद रहेगी।