रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ए. भारत भूषण बाबू ने यहां बताया कि यह मिसाइल बहुत उच्च स्तर की सटीकता के साथ लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। कलाम लॉन्चिंग पेड से गुरुवार को किए गए यूजर ट्रेनिंग लॉन्च (प्रशिक्षण प्रक्षेपण) में शानदार सफलता हासिल करते हुए मिसाइल के सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों को सफलतापूर्वक सत्यापित किया गया।
सतह से सतह तक मार करने वाली अग्नि-1 मिसाइल की मारक क्षमता 700 किलोमीटर तक है। यह परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। इसका पहला परीक्षण साल 2002 में हुआ था। इसके बाद कई परीक्षणों से गुजरी यह मिसाइल साल 2007 में भारतीय सेना में शामिल की जा चुकी है। जानकारों का कहना है कि मिसाइल का ट्रेनिंग लॉन्च के दौरान असाधारण सटीकता के साथ लक्ष्यों को भेदने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन देश की रक्षा क्षमताओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।