scriptविपक्ष के महाभियोग पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, ‘न्यायपालिका पर राजेनता का ऐसा बयान दुर्भाग्यपूर्ण’ | Supreme Court expresses concern over impeachment of opposition | Patrika News
नई दिल्ली

विपक्ष के महाभियोग पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, ‘न्यायपालिका पर राजेनता का ऐसा बयान दुर्भाग्यपूर्ण’

सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष के महाभियोग पर जिंता जताते हुए कहा कि राजनेताओं का ऐसा बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।

नई दिल्लीApr 20, 2018 / 04:43 pm

Kaushlendra Pathak

CJI
नई दिल्ली। सात विपक्ष दल मिलकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ शुक्रवार को महाभियोग प्रस्ताव लाए हैं। कांग्रेस के नेतृत्व में सभी दलों ने राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू से मुलाकात कर यह प्रस्ताव सौंपा है। वहीं, सप्रीम कोर्ट ने इस महाभियोग प्रकिया पर चिंता जताई है।
कोर्ट ने बयान को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

कोर्ट ने कहा कि न्यायपालिक के खिलाफ राजनेता जो बयान दे रहे हैं वो दुर्भाग्यपूर्ण है। इतना ही नहीं कोर्ट ने महाभियोग प्रक्रिया पर मीडिया में रिपोर्टिंग पर भी चिंता जताई है। इस मामले में कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से सहयोग मांगा है। बता दें कि इस मामले पर अब सात मई को सुनवाई होगी।
71 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ सौंपा गया प्रस्ताव

इससे पहले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राज्यसभा की 7 राजनीतिक पार्टियों के साथ मिलकर राज्यसभा चेयरमैन को महाभियोग का प्रस्ताव सौंप दिय गया है। उन्होंने कहा कि 71 सांसदों के हस्ताक्षरों के साथ ये प्रस्ताव सौंपा गया है। वहीं, कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि संविधान के तहत अगर कोई जज दुर्व्यवहार करता है तो संसद का अधिकार है कि उसकी जांच होनी चाहिए। सिब्बल ने कहा कि हमने अपनी चिट्ठी में लिखा है काश हमें ये दिन नहीं देखना पड़ता। कांग्रेस नेता ने कहा कि जब से दीपक मिश्रा चीफ जस्टिस बने हैं, तब से कुछ ऐसे फैसले लिए गए हैं, जो सही नहीं हैं।
इन पांच बिंदुओं को बनाया गया आधार

विपक्षी पार्टियों ने जो महाभियोग प्रस्ताव लाया है, उनमें पांच बिन्दुओं को आधार बनाया गया है। पहला, मुख्य न्यायाधीश के पद के अनुरूप आचरण ना होना। प्रसाद ऐजुकेशन ट्रस्ट में फायदा उठाने का आरोप। मामले में मुख्य न्यायाधीश का नाम आने के बाद सघन जांच की जरूरत बताया गया है। इसके अलावा प्रसाद ऐजुकेशन ट्रस्ट का सामना जब सीजीआई के सामने आया तो सीजीआई ने न्यायिक और प्रशासनिक प्रक्रिया को किनारे किया। तीसरा बैक डेटिंग का आरोप लगया है। चौंथा जमीन का अधिग्रहण करना, फर्जी एफिडेविट लगाना और सुप्रीम कोर्ट जज बनने के बाद 2013 में जमीन को सरेंडर करना। पांचवा
कई संवेदनशील मामलों को चुनिंदा बेंच को सौंप देना।

Home / New Delhi / विपक्ष के महाभियोग पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, ‘न्यायपालिका पर राजेनता का ऐसा बयान दुर्भाग्यपूर्ण’

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो