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नई दिल्ली

घर तक राशन पहुंचाने की योजना पर केंद्र का एतराज दूर करने योजना का नाम बदलेंगे

केजरीवाल ने कहा, राशन माफिया दूर कर गरीबों तक राशन पहुंचाना जरूरी

नई दिल्लीMar 20, 2021 / 08:07 pm

Vivek Shrivastava

घर तक राशन पहुंचाने की योजना पर केंद्र का एतराज दूर करने योजना का नाम बदलेंगे

घर तक राशन पहुंचाने की योजना पर केंद्र का एतराज दूर करने योजना का नाम बदलेंगे

नई दिल्ली। ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन’ योजना पर केंद्र सरकार की रोक के बाद दिल्ली केमुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें योजना से ‘मुख्यमंत्री’ शब्द हटाने काअधिकारियों को निर्देश दिया गया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम योजना को कोई नाम नहीं देंगे, लेकिन गरीबों के घर राशन पहुंचाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा, हमारा मकसद नाम चमकाना नहीं, बल्कि गरीबों की मदद करनाहै। सारा काम, सारी जिम्मेदारी हमारी है, सारा क्रेडिट उनका होगा। केंद्र सरकार को ‘मुख्यमंत्री’ शब्द से आपत्ति है तो हम योजना को कोई नाम नहीं देंगे। मुझे उम्मीद है इसके बाद केंद्र की आपत्ति दूर हो गई होगी। अब उन्हें योजना को लागू करने की अनुमति दे देनी चाहिए। हम कैबिनेट में इस निर्णय को पास करा कर इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजेंगे। उम्मीद है कि केंद्र से पूरा सहयोग मिलेगा। सीएम ने कहा कि हम अपना नाम चमकाने या श्रेय लेने के लिए योजना नहीं लाए हैं। लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए योजना लाई गई थी, लेकिन केंद्र सरकार के आदेश से काफी धक्का लगा। जब हमारा 20-22 साल पुराना सपना पूरा होने जा रहा था, तब केंद्र सरकार ने योजना को लागू करने में अड़चन लगा दी।

राशन लेने में तरह-तरह की परेशानी

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस संबंध में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। केजरीवाल ने कहा कि 25 मार्च से दिल्ली में बहुत ही क्रांतिकारी योजना, ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ चालू होने जा रहीथी। जैसा कि हम लोग जानते हैं कि सरकार गरीबों को सस्ता राशन देती है। अभी तकलोगों को राशन की दुकानों के जरिए राशन मिलता था। लोगों को राशन लेने में तरह-तरह की तकलीफें होती थीं। लोगों को लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ता था। राशन की दुकानों को पूरा महीना खोलना होता है, कई सारी दुकानें महीने में दो-तीन दिन ही खुलती हैं। लोगों को राशन मिलता नहीं है, कई दुकानें जो राशन देती हैं, उसमें मिलावट करती हैं और लोगों से ज्यादा पैसे लिए जाते हैं।

लंबी चर्चा से निकाला था समाधान

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने काफी लोगों से चर्चा करने के बाद कुछ वर्ष पहले यह समाधान निकाला कि अगर हम सीधे बोरी में पैक करके,जितना गेहूं बनता है, उतना ही आटा और जितना चावल बनता है, उन दोनों को बोरी में पैक कर हर एक आदमी के घर पहुंचा दें, जितना उसका बनता है,तो लोगों को लाइनों में नहींलगना पड़ेगा। इससे अभी तक राशन की जो भी समस्याएं आ रही हैं, वह सारी दूर हो जाएंगी। इसी मकसद से ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन’ योजना लाई गई थी।

आरटीआई से पता चला कि फर्जीवाड़ा मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 साल पहले राशन माफिया के साथ संघर्ष शुरू हुआ था। पहले मैं इनकम टैक्स में नौकरी किया करता था। उसके बाद नौकरी से छुट्टी लेकर और फिर बाद में मैंने नौकरी भी छोड़ दी। मैंने दिल्ली की गरीबों के साथ झुग्गीबस्तियों के अंदर काम शुरू करना शुरू किया। दिल्ली में नंद नगरी, सुंदर नगरी और सीमापुरी की झुग्गियों के अंदर काम करना शुरू किया। उन झुग्गियों के अंदर जब काम करना शुरू किया, तो पता चला कि लोगों को राशन लेने में काफी तकलीफें होती हैं। उन्हीं दिनों में सूचना का अधिकार कानून आया था। सूचना का अधिकार कानून इस्तेमाल करके जब हमने सरकारी रिकॉर्ड निकलवाए, तो पता चला कि लोगों के फर्जी दस्तखत करके, लोगों को झूठे अंगूठे लगा कर उनके नाम पर किस तरह से बहुत बड़े स्तर पर राशन चोरी किया जा रहा था। लोगों को राशन नहीं मिलता था और लोगों का राशन चोरी हो रहा था।

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