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नई दिल्ली

शीतकालीन सत्र : बिखरे विपक्ष से सरकार को मिली राहत

कांग्रेस और तृणमूल ने अलग अलग बुलाई सांसदों के निलंबन पर बैठक

नई दिल्लीNov 30, 2021 / 11:27 am

Vivek Shrivastava

शीतकालीन सत्र : बिखरे विपक्ष से सरकार को मिली राहत

शीतकालीन सत्र : बिखरे विपक्ष से सरकार को मिली राहत

नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र में बिखरे विपक्ष ने केंद्र सरकार को काफी राहत मिली है। कृषि कानून वापसी के मुद्दे पर विपक्ष में एकजुटता नहीं दिखी जिसके चलते लोकसभा में चर्चा नहीं हो पाई। वहीं अब राज्यसभा में 12 सांसदों के निलंबन पर भी विपक्ष में बिखराव साफ नजर आ रहा है। कांग्रेस की ओर से बुलाई बैठक से तृणमूल ने किनारा कर लिया है और तृणमूल ने अलग बैठक बुलाई है।

राज्यसभा में 12 विपक्षी सांसदों को शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित करने के मुद्दे पर राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार सुबह बैठक बुलाई है। इस बैठक में सांसदों के सस्पेंशन के मुद्दे पर चर्चा होगी।

सूत्रों के मुताबिक, कुछ दलों ने राज्यसभा में सांसदों के निलंबन के विरोध में पुरे शीतकालीन सत्र के बहिष्कार करने का सुझाव दिया है। इसमें शीतकालीन सत्र को बहिष्कार करने के साथ ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखने पर भी विचार हो सकता है। हालांकि इसपर अंतिम फैसला बैठक के बाद होगा।

राज्यसभा में 12 सांसदों को पिछले सत्र में 11 अगस्त को हंगामे के कारण निलंबित किया गया है। इसको लेकर विपक्षी दलों ने अपना विरोध जताया है। कांग्रेस की ओर से इस मामले में बुलाई बैठक से तृणमूल कांग्रेस ने खुद को अलग कर अलग बैठक बुलाई है।

12 निलंबित सांसदों में तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री भी शामिल हैं। साथ ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।

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