प्लान न देने तक भरना होगा जुर्माना
बताया जा रहा है कि यह जुर्माना राशि सीपीसीबी (CPCB) के पास जमा कराया जाना है। जुर्माना तब कर भरना होगा जब तक सरकार एक्शन प्लान पूरा कर उसे CPCB के पास जमा नहीं कराती है। आपको बता दें कि यह आदेश एनजीटी (NGT) के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली बेंच ने जारी किया है। दिल्ली के साथ-साथ मेघालय, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और नगालैंड जैसे राज्यों को भी यही आदेश दिया गया है।
कई राज्यों ने नहीं दायर किया एक्शन प्लान
बेंच ने CPCB की ओर से पिछले साल 19 दिसंबर को नदियों के रीस्टोरेशन के संबंध में आधा-अधूरा एक्शन प्लान दायर करने का दोषी माना। पांच अप्रैल को इस मामले में रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें दिल्ली के साथ इन छह राज्यों को पर जुर्माना तय हुआ। हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक कई ऐसे राज्य भी हैं जिन्होंने एक्शन प्लान दायर ही नहीं किया है। ऐसे में बेंच ने दिल्ली समेत इन सभी राज्यों को उन राज्यों के मुकाबले 50 फीसदी की दर से मुआवजा देने का निर्देश दिया है। लिए कहा गया है, जिन्होंने एक्शन प्लान ही दायर नहीं किया।
‘एनवायरनमेंट कम्पेंसेशन’ के लिए पहले से चेतावनी
आपको बता दें कि NGT ने इससे संबंधित आदेश में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सफाई के लिए एक्शन प्लान दायर करने का आखिरी मौका दिया था। इसके साथ ही सख्त हिदायत दी गई थी अगर वे 31 जनवरी 2019 तक ऐसा नही कर पाए तो ‘एनवायरनमेंट कम्पेंसेशन’ देना होगा।