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500 सीवर चैम्बर से ही जनता की आफत, 9 हजार गड्ढे खोदेंगे तो जुड़वा देंगे ‘हाथ’

बीकानेर. अमृत योजना के तहत शहर में सीवर लाइन बिछाने और चैम्बर निर्माण का कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य की अव्यवस्था से हालात ऐसे है कि कई मार्गों पर यातायात जाम रहता है।कुछ मोहल्लों में तो लोगों का घरों से बाहर निकलना ही दुभर हो गया है। चैंबर निर्माण के लिए गड्ढे खोदकर छोड़ दिए […]

बीकानेरJun 10, 2024 / 10:50 pm

Vimal

बीकानेर. अमृत योजना के तहत शहर में सीवर लाइन बिछाने और चैम्बर निर्माण का कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य की अव्यवस्था से हालात ऐसे है कि कई मार्गों पर यातायात जाम रहता है।कुछ मोहल्लों में तो लोगों का घरों से बाहर निकलना ही दुभर हो गया है। चैंबर निर्माण के लिए गड्ढे खोदकर छोड़ दिए जाते है, निर्माण कार्य कई दिन बात शुरू किया जाता है। चैम्बर निर्माण के बाद मिट्टी हटाकर सड़क को समतल कर साफ-सफाई का कार्य किया ही नहीं जाता। अभी तक सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत महज 500 सीवर चैम्बर निर्माण का कार्य ही ठेकेदार फर्म ने शुरू कर रखा है। इसमें ही जनता की आफत आ गई है। ऐसे में 9 हजार चैम्बर निर्माण के लिए और गड्ढे खोदे जाएंगे तो हालात की कल्पना मात्र से कम्पकम्पी छूटने लगती है।
दोनों विधानसभा क्षेत्रों में चल रहा कार्य

अमृत योजना के तहत बीकानेर पूर्व और पश्चिम दोनों विधानसभा क्षेत्रों में सीवरेज निर्माण कार्य चल रहा है। बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में स्थित पुराने शहर में कम चौड़ाई की सड़कों पर यह कार्य होने से लोग अधिक परेशान हो रहे है। कई गलियों, मोहल्लों से निकलना दूभर बना हुआ है। कार्य भी धीमी गति से चल रहा है। पूर्व विधानसभा क्षेत्र में मुख्य मार्गों पर चल रहे सीवरेज कार्य से यातायात प्रभावित हो रहा है।
गड्ढों से हो रही परेशानी

सीवरेज कार्य के लिए खोदे गड्ढों से आमजन परेशान हो रहे है। बारिश का मौसम बन रहा है। शहर में बारिश के दौरान यह गड्ढे नासूर साबित होते है। हादसों का खतरा रहने के साथ ही सड़कों पर कीचड़ की परेशानी झेलनी पड़ती है। सीवर लाइन अथवा चैंबर बनाने के बाद गड्ढे को मिट्टी से पाटकर छोड़ा जाता है। जो बारिश के दौरान दौरान सड़क धंसने का कारण बनता है।
ढाई दर्जन स्थानों पर खोदे पड़े चैम्बर

निगम सहायक अभियंता संजय ठोलिया के अनुसार प्रोजेक्ट के तहत सीवर चैंबर का कार्य होने के साथ-साथ रिफिलिंग भी की जा रही है। चैंबर के साइड में मिट्टी डालकर गड़ढ़े को भरा जा रहा है। यहां पुन: सड़क का निर्माण भी होगा। प्रोजेक्ट के तहत करीब नौ हजार सीवर चैंबर के गड्ढ़ों में कार्य होगा। करीब छह सौ का कार्य हो चुका है अथवा चल रहा है। संवेदक फर्म की दस टीमें कार्य कर रही है।
265 करोड़ रुपए का है प्रोजेक्ट

शहर में 265 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट के तहत कार्य चल रहे है। इनमें एसटीपी, पंपिंग निर्माण और सीवर लाइन बिछाने का कार्य शामिल है। कुछ स्थानों पर पुरानी सीवर लाइन को बदला भी जाना है। प्रोजेक्ट के तहत 150 किमी से अधिक सीवर लाइन डाली जाएगी। पब्लिक पार्क परिसर में दो एमएलडी क्षमता का एसटीपी व 30 एमएलडी क्षमता के पंपिंग स्टेशन का निर्माण होगा। करमीसर में 6.5 एमएलडी क्षमता का पंपिंग स्टेशन बनेगा। हालांकि सड़कों को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए थर्स्ट बर्स्टिंग तकनीक को अपनाया गया है।

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