इस बीच Bengaluru और राज्य में जारी बारिश के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को डेंगू नियंत्रण उपायों को तेज करने सहित डेंगू के कारण जिला अस्पतालों में भर्ती मरीजों की निगरानी और फॉलो-अप के निर्देश दिए। इन निर्देशों के अनुसार उपचार और प्रबंधन के लिए आवश्यक दवाएं, लार्वा नाशक व वेक्टर नियंत्रण के लिए फॉगिंग रसायन सभी स्तरों पर उपलब्ध होने चाहिए। किसी स्तर पर टेस्टिंग किट की कमी न हो। जागरूकता बढ़ाने और डेंगू नियंत्रण में उनकी भूमिका के बारे में समझाने के लिए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के प्रमुखों, निर्माण क्षेत्रों के मालिकों और वाणिज्यिक परिसरों के मालिकों के साथ एक बैठक आयोजित की जाएगी। डेंगू नियंत्रण प्रयासों में सहयोग बढ़ाने के लिए पंचायत विकास अधिकारियों और हाई स्कूल विज्ञान शिक्षकों के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।आशा कार्यकर्ताओं सहित अन्य संबंधित स्वास्थ्य कर्मचारी घर-घर जा लार्वा सर्वेक्षण कर स्थिति अनुसार उचित कदम उठाएंगे। आम जनता के लिए जारी निर्देशों के अनुसार उन्हें पानी खुला नहीं रखना चाहिए और हर सप्ताह इसे बदल देना चाहिए। सुनिश्चित करें कि घर के आसपास, गमलों आदि में पानी जमा न हो। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों को हमेशा मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए। बुजुर्गों, बच्चों व विशेषकर गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। तेज बुखार, गंभीर सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों व जोड़ों में अत्यधिक दर्द, मतली या उल्टी का अनुभव हो तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। सभी सरकारी अस्पतालों में संदिग्ध डेंगू बुखार के मामलों का परीक्षण और उपचार नि:शुल्क उपलब्ध है।