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देशभक्ति की प्रेरणा का केंद्र बनेगा पातालपानी: मुख्यमंत्री

– 25 मिनट पातालानी में रुके मुख्यमंत्री, मंदिर में पूजा, प्रतिमा पर माल्यार्पण कर 10 मिनट तक सभा को किया संबोधित- पातालपानी स्टेशन का नाम अब टंट्या मामा रेलवे स्टेशन होगा, केंद्र सरकार ने दी स्वीकृति- बसों में बैठाकर लाए सैकड़ों लोग

Dec 05, 2022 / 12:12 am

Shailendra shirsath

देशभक्ति की प्रेरणा का केंद्र बनेगा पातालपानी: मुख्यमंत्री

देशभक्ति की प्रेरणा का केंद्र बनेगा पातालपानी: मुख्यमंत्री

डॉ. आंबेडकर नगर(महू).जननायक क्रांतिकारी टंट्या भील के बलिदान दिवस पर रविवार को मुख्यमंत्री, राज्यपाल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य नेता टंट्या मामा की कर्मस्थली पातालपानी पहुंचे। यहां मंदिर पर पूजा-अर्चना, प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सभा को संबोधित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि टंट्या मामा की अमर कीर्ति पूरे प्रदेश और देश में पढ़ाई और बताई जाएगी। पातालपानी देशभक्ति की प्रेरणा का केंद्र बनेगा। सभा में पुरानी घोषणा को जमीन पर लाने की बात भी कही।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यपाल मंगुभाई पटेल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, पर्यटन व संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार आदि भाजपा नेता सबसे पहले टंट्या मामा मंदिर पर पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने पूजा-अर्चना की। इसके बाद मंदिर की ओर से मुख्यमंत्री को शाल उड़ाकर सम्मानित किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री व राज्यपाल सीधे टंट्या मामा के प्रतिमा स्थल पहुंचे और माल्यार्पण कर नमन किया। यहां पास में ही मुख्यमंत्री ने महुआ का पौधा रोपा। पहले इस पौधे को टंट्या मामा मंदिर के पीछे लगाया जाना था, लेकिन समय की कमी के चलते अफसरों ने प्लान बदल दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथि सीधे सभा स्थल पहुंचे।
स्वागत की औपचारिकता को रुकवाया
सभा की शुरुआत में पर्यटन मंत्री ठाकुर जब गुलदस्ता लेेकर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का स्वागत करने पहुंची तो सीएम उठकर सीधे माइक पर पहुंचे और कहा कि आज का दिन सिर्फ आदिवासी जननायक टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर आज सारे हार-फूल उन्हीं पर चढ़ेंगे। इसके साथ ही समय की कमी के चलते सीधे मुख्यमंत्री ने अपना भाषण देना शुरू कर दिया।
जल्दबाजी में आए सीएम
सभा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल हमने कहा था कि शहीदों की चिताओं पर लगंगे हर वर्ष मेले, वतन पर मरने वाले यहीं निशां होगा। इस बार यहां मेला भी लगा है। इंदौर में एकाध खानदान के लोगों की मूर्तियां तो लग गई। लेकिन टंट्या मामा जैसे क्रांतिकारी की मूर्ति नहीं थी। आज गर्व से कह रहा हूं आज उनकी प्रतिमा भी लग रही है। पिछली बार आए तो आप लोगों ने कुछ मांग की थी, कि पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम टंट्या मामा रेलवे स्टेशन रखा जाए। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री को धन्यवाद देता हूं। अब पातालपानी टंट्या मामा रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार से स्वीकृति-पत्र आ चुका है। हमने तय किया था कि हर साल यहां मेला लगेगा, इस बार से शुरू हो गया है। गत वर्ष कहा था कि मानपुर सामुदायिक केंद्र का नाम टंट्या मामा स्वास्थ्य केंद्र रखा जाएगा, अब यहां का नाम टंट्या भील स्वास्थ्य केंद्र हो गया है। हमने पाथवे निर्माण का कहा था। जिसका का पूरा हो चुका है, अब अब मंदिर से सीधे प्रतिमा तक पहुंचा जा सकता है। पिछली घोषणा में व्यू पाइंट, म्यूजियम, लाइब्रेरी प्रोजेक्ट बनाने की बात हुई थी, जिसकी डीपीआर तैयार हो चुकी है।
क्रांतिकारी खाज्या नायक की प्रतिमा लगेगी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अमर क्रांतिकारी वीर शहीद खाज्या नायक(भील) का दुर्जनपुरा पंचायत के नयापुरा पूजा स्थल है, आज भी यहां हजारों लोग मान-पूजा के लिए आते हैं। इसलिए यहां पर उनकी प्रतिमा लगाई जाएगी। भाजपा नेता रामकरण भाभर ने बताया कि हम पिछले तीन वर्षों से मुख्यमंत्री से यहां प्रतिमा बनाने की मांग कर रहे थे, जो कि आज पूरी हो गई है। महू विधानसभा के आदिवासी अंचल में हर्ष का महौल है। जल्द ही मुख्यमंत्री का भोपाल जाकर सम्मान करेंगे।
स्टेशन पर परेशान होते रहे यात्री
पातालपानी में मुख्यमंत्री के आयोजन को लेकर रतलाम मंडल ने महू से कालाकुंड के बीच चलने वाली हेरिटेज ट्रेन का संचालन डेढ़ घंटे देरी से किया। जबकि ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को जानकारी तक साझा नहीं की कई। स्टेशन पर 10.45 बजे ही यात्री पहुंच चुके थे, लेकिन पर्यटकों को जानकारी देने वाला कोई नहीं था। न ही अनाउंसमेंट हुआ और न ही पूछताछ केंद्र पर कोई मौजूद था। ट्रेन दोपहर 12.35 बजे महू से रवाना हुई। जब ट्रेन टंट्या मामा प्रतिमा स्थल पहुंंची, तब तक मुख्यमंत्री इंदौर के लिए रवाना हो चुके थे।
मेेला: एक झूला और चंद दुकाने
बलिदान दिवस पर सीएम की घोषणा के अनुसार इस मेला बड़े स्थल पर मेला आयोजित किया जाना था। लेकिन यहां अधिकांश लोग सीएम की सभा के लिए ही बसों से लाए गए थे। मेले के नाम पर एक झूला और दर्जनभर दुकाने भी लगी हुई थी, जिसमें से कुछ बंद थी। सभा खत्म होने ही अलग-अलग गांव से बसों में से लाए लोग वापस अपनी बसों की ओर जाने लगे।

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