चम्बल घाट के पास से दबोचा थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी मध्यप्रदेश व राजस्थान बॉर्डर से लगने वाले इलाके का फायदा उठाकर पुलिस से बच रहा था। मंगलवार को कॉस्टेबल पूरणमल को मुखबिर से सूचना मिली कि रामभरत चम्बल नदी के रास्ते नाव से राजाखेड़ा में किसी वारदात को अंजाम देने आ सकता है। जिस पर जाफर चौकी इंचार्ज वीरेन्द्र सिंह, हैड कांस्टेबल विजय सिंह, कांस्टेबल पूरणमल, तारा सिंह, सतीश कुमार, विनोद की विशेष टीम गठित कर गढी जाफर घाट पर घेराबंदी की। कुछ देर बाद बदमाश रामभरत ठाकुर चंबल घाट पर नाव से उतरा तो मोर्चा बांधकर खड़ी टीम ने उसे धरदबोचा। बता दें कि अपहरण कांड के दो आरोपित को सोमवार को पुलिस ने उत्तनगन नदी के पास पकड़े थे जबकि रामभरत विपरीत दिशा में चंबल पार भाग निकला था।
दो शातिर पहले धरे गए अपहरण कांड में रामभरत के मुख्य साथी 10-10 हजार के इनामी बदमाश नंदी उर्फ नरेन्द्रसिंह पुत्र रामवीरसिंह ठाकुर निवासी डल्लो की मढैया एवं बादामसिंह पुत्र टूण्डाराम उर्फ लायकसिंह ठाकुर निवासी डल्लो की गढैया को यूपी बॉर्डर से सटे गांव रमगढ़ा बिडार से गिरफ्तार कर चुकी है।
पुलिस पार्टी पर हमले के आरोपित बजरी माफिया गिरफ्तार धौलपुर. सदर थाना पुलिस ने गत दिनों पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला करने के मामले में आरोपित बजरी माफिया के चार जनों को गिरफ्तार किया है। पकड़े आरोपितों की गिरफ्तारी पर एसपी कार्यालय से दस-दस हजार रुपए का इनाम घोषित था। थाना प्रभारी रामनरेश मीणा ने बताया कि पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला करने के आरोपित राधे उर्फ राधेश्याम पुत्र दौलतराम कुशवाह निवासी ठकुरी का पुरा थाना सदर, अजब सिंह पुत्र परसादी लाल कुशवाह निवासी नरसिंह गढ़ थाना कौलारी, अनिल कुमार पुत्र नत्थी लाल कुशवाह निवासी मानपुर का पुरा थाना कौलारी, नेमीचंद पुत्र रामरूप कुशवाह निवासी नगला गड्ढा थाना सैंया जिला आगरा को गिरफ्तार किया है। फरार आरोपितों पर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय की ओर से इनकी गिरफ्तारी पर १०-१० हजार रुपए का इनाम घोषित था। पकड़े आरोपित चंबल नदी कीअवैध बजरी का परिवहन व दोहन करते हैं। उक्त प्रकरण में तीन आरोपित योगेन्द्र उर्फ छोटा, केशव व खैमचंद को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। बता दें कि मामले में हैड कांस्टेबल विनोद कुमार ने मामला दर्ज कराया था। इसमें गत १९ अप्रेल को अवैध बजरी लदे तीन ट्रेक्टर ट्रॉली के जाटौली की तरफ से आने की सूचना मिली थी। पुलिस पार्टी ने पीछा कर इनका मानपुरियों का पुरा में घेराबंदी की जिस पर आरोपितों ने पुलिस दल पर पत्थर फेंके और वाहनों को चढ़ाने का प्रयास किया। घटना के बाद आरोपित वाहनों को लेकर भाग निकले थे। कार्रवाई में विशेष भूमिका कांस्टेबल रामरूप सिंह, प्रदीप, विजय सिंह व रूपेन्द्र कांस्टेबल आरएसी की रही।