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4 गांव की आधी सीमा शहर तो आधी पंचायत में, विकास को तरस रहे लोग

4 Half of the village limits are in the city and half in the Panchayat.

टीकमगढ़May 16, 2024 / 12:33 pm

anil rawat

भाजपा कार्यालय के पीछे कच्ची सड़क पर भरा पानी।

भाजपा कार्यालय के पीछे कच्ची सड़क पर भरा पानी।

30 साल पहले हुआ था नपा का परिसीमन, सीमा विस्तार होने से नगर निगम का रास्ता होगा साफ

टीकमगढ़. पिछले 30 सालों से नगर पालिका की सीमाओं का विस्तार नहीं किया गया है। इस लंबे समय में नगर का विस्तार आसपास से लगे गांव की सीमाओं के अंदर तक पहुंच गया है। ऐसे में इन क्षेत्रों का विकास अब पंचायत और नगर पालिका की सीमा के बीच उलझ कर रहा गया है। ऐसे में नगर पालिका के परिसीमन की जरूरत मेहसूस की जा रही है, लेकिन नगर पालिका द्वारा इसके लिए कोई प्रयास होता नहीं दिख रहा है।
जिले में राजशाही दौर में ही नगर पालिका का गठन हो गया था। इसके बाद लगातार सीमाओं का विस्तर होता गया और नगर पालिका का परिसीमन होता गया। अंतिम बार वर्ष 1994 में नगर पालिका की सीमाओं में वृद्धि की गई थी। इसके बाद वर्ष 2007-08 में तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष केके श्रीवास्तव द्वारा परिसीमन की कवायद शुरू की गई थी, लेकिन 2009 में वह पद से हट गए और यह कार्रवाई अधर में लटक गई। इसके बाद से किसी ने इसके लिए कोई प्रयास नहीं किया।
20 हजार से अधिक मकान बने
विदित हो कि वर्तमान में नगर पालिका क्षेत्र में जहां 25 हजार के लगभग आवास है, तो नगर पालिका की सीमा से लगी पंचायतों की सीमाओं तक पहुंच चुके विकास के बाद इस क्षेत्र में भी 20 हजार से अधिक मकान बना कर लोगों ने निवास करना शुरू कर दिया है। विदित हो कि वर्तमान में नगर से लगे ग्राम कुंवरपुरा, तखा, अनंतपुरा, चकरा, मामौन और नारगुड़ा तक नगर की सीमाओं का विस्तार हो चुका है।
आधे गांव नपा में
शहर की सीमाओं से लगे चार गांव अपनी भौगोलिक स्थिति के चलते आधे नगर पालिका की सीमा में आते है तो आधे पंचायत में। ग्राम चकरा का आधा हिस्सा नगर पालिका के वार्ड 20 में आता है। यही हाल कुंवरपुरा का है। यहां पर चर्च के पीछे तक के मकान नगर पालिका क्षेत्र की सीमा में आते है तो आगे मंडी रोड़ पर बने मकानों में से कुछ नपा में तो कुछ कुंवरपुरा में आते है। ग्राम महाराजपुरा का आधा हिस्सा वार्ड नंबर 5 में आता है तो शेष महाराजपुरा में। वहीं नूतन बिहारी कॉलौनी के वार्ड नंबर 12 में ग्राम धर्मपुरा की कुछ बसाहट आती है, जबकि शेष गांव ग्राम पंचायत नयाखेरा में आता है।
मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे लोग
चकरा में भाजपा कार्यालय के पीछे पूरी शहरी बसाहट पहुंच गई है। यहां लोग सड़क, नाली, पानी और बिजली के लिए परेशान हो रहे है। राजकुमार रैकवार का कहना है कि सामने का क्षेत्र नगर पालिका में आता है, यही देखकर प्लॉट ले लिया था। बाद में पता चला कि यह क्षेत्र पंचायत में आता है। अब यहां पर कोई सुविधा नहीं है। वहीं कुंवरपुरा रोड़ पर निवास करने वाले अजय यादव का कहना है कि शहर से लगा होने के कारण पता ही नहीं था कि यह पंचायत की सीमा में आता है। अब परेशानी हो रही है।
नगर निगम में होगा शामिल
नगर पालिका का यदि परिसमीन कर सीमाओं से लगे आधा दर्जन गांव को शामिल किया जाता है, तो नगरीय क्षेत्र की आवादी 2 लाख के आसपास पहुंच जाएगी। वहीं यहां के वार्डों की संख्या भी 27 से बढ़ कर 50 के लगभग हो जाएगी। ऐसे में नगर पालिका का उन्नयन कर नगर निगम बनने का रास्ता आसान होगा। इसके बाद विकास के लिए बजट सहित अन्य सुविधाओं में भी इजाफा होगा।
कहते है अधिकारी
चकरा के साथ ही कुंवरपुरा रोड़ के लोग विकास काम के लिए बार-बार कहते है। चाहते हुए भी यहां पर काम नहीं करा पाते है। परिसीमन कर सीमाओं का विस्तार करने को लेकर चर्चा कर प्रस्ताव तैयार कराया जाएगा।- सुषमा संजय नायक, उपाध्यक्ष एवं पार्षद वार्ड नंबर 20 चकरा।
नगरीय क्षेत्र की सीमा विस्तार को लेकर उचित प्रयास किया जाएगा। नगर की सीमाओं में विस्तार की जरूरत है, विकास सीमा से लगी पंचायतों तक पहुंच चुका है।- अब्दुल गफ्फार, अध्यक्ष, नगर पालिका।

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