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लखनऊ में अटकी क्योलारी बांध की फाइल, पानी के लिए एक दिन और करना होगा इंतजार

Keolari Dam file stuck in Lucknow

टीकमगढ़Jun 03, 2024 / 12:06 pm

anil rawat

टीकमगढ़। तल तक पहुंचा बरीघाट का जलस्तर।

यूपी के बांध से लाया जाना है कि बरीघाट में पानी

टीकमगढ़. शहर के लोगों की प्यास बुझाने के लिए यूपी के क्योलारी बांध से आने वाले पानी के लिए अभी एक दिन और इंतजार करना होगा। बताया जा रहा है कि इसकी अनुमति की फाइल लखनऊ में जल संसाधन विभाग में अटकी है। नगर पालिका ने सोमवार को इसकी अनुमति के बाद पानी छोड़ने की संभावना जताई है। वहीं नगर पालिका ने बांध तक पानी लाने की सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली है।
भीषण गर्मी के चलते बरीघाट जल संयंत्र क्षेत्र में तेजी से जलस्तर गिरने से शहर में पेयजल की परेशानी हो गई है। नवीन जलावर्द्धन योजना के इंटेक वेल के पानी छोड़ देने के बाद यह परेशानी और ज्यादा बड़ गई है। ऐसे में नगर पालिका ने अब उत्तर प्रदेश से पानी लाने के लिए प्रयास शुरू किया था। विदित हो कि बरीघाट में पानी यूपी के जामनी बांध से पानी आता था। इस बार जामनी बांध में पानी न होने के कारण अब यूपी के क्योलारी बांध से जमडार नदी में पानी छोड़े जाने के लिए काम किया जा रहा है। ऐसे में प्रशासन द्वारा ललितपुर और झांसी से इसकी फाइल को स्वीकृत कराकर शासन स्तर पर लखनऊ भेज दिया गया था। बताया जा रहा था कि यहां से भी पानी छोड़ने की अनुमति मिल गई है और रविवार को बरीघाट में पानी आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और रविवार को भी पानी नहीं पहुंचा। पानी न पहुंचने पर नपाध्यक्ष अब्दुल गफ्फार का कहना था कि इसकी फाइल लखनऊ में पड़ी है और रविवार होने के कारण स्वीकृति नहीं मिल सकी थी। उनका कहना था कि सोमवार को इसकी स्वीकृति मिलते ही वहां से पानी छोड़ दिया जाएगा और मंगलवार तक वह बरीघाट पहुंच जाएगा।
करना होंगे स्थाई प्रबंधन
विदित हो कि जिले में सूखा पड़ने पर कई बार इस प्रकार की परेशानियां सामने आती है। बरीघाट से ही अब अमृत 2 योजना शुरू की जानी है। ऐसे में यहां पर जलस्रोत का स्थाई प्रबंध करना जरूरी हो गया है। विदित हो कि अमृत 2 योजना के तहत 33 करोड़ की लागत से नया वाटर फिल्टर प्लांट तैयार किया जाना है और यह योजना आगामी 50 सालों को लक्ष्य कर बनाई जा रही है। ऐसे में आने वाले समय में ऐसी परेशानी सामने न आए इसके लिए विभाग को अभी से प्रयास करना होगा। हालांकि नगर पालिका इस योजना को शुरू कराने के पहले बान सुजारा बांध की निचले हिस्से में बांध बना कर पानी लाने के लिए 80 करोड़ का डीपीआर तैयार कर लिया है। नगर पालिका अध्यक्ष का कहना है कि आचार संहिता हटने के बाद इस डीपीआर को शासन के पास भेज कर उसे स्वीकृत कराया जाएगा और उसी के बाद योजना का काम शुरू किया जाएगा।
2 लाख की आवादी के लिए करनी होगी व्यवस्था
विदित हो कि वर्तमान में शहर की आवादी 1 लाख से अधिक है। वहीं यदि नगर पालिका इस बार परिसीमन करती है तो नगर पालिका क्षेत्र से लगे लगभग आधा दर्जन गांव और इन गांवों में बस चुकी सघन बस्तियां भी नगर पालिका के अधीन हो जाएंगी। ऐसे में इन घरों में भी जलापूर्ति करना नगर पालिका की जिम्मेदारी हो जाएगी। वर्तमान में नगर पालिका क्षेत्र में 25 हजार मकान आते है। परिसीमन के बाद इनकी संख्या 40 से 45 हजार हो जाएगी। ऐसे में नगर पालिका को अच्छे जलस्रोत के लिए तैयारी करनी होगी।

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