पर्यटन नगरी ओरछा में माफिया चीर रहे जमीन का सीना
Mafia is tearing apart the land in tourist city Orchha
ओरछा। बबेड़ी जंगल में खोदी गई २०० फीट गहरी खदान।
माफियाओं के लिए चरागाह बना बबेड़ी जंगल, 30 फीट नीचे कर रहे ब्लॉस्ट टीकमगढ़/ओरछा. पर्यटन नगरी का बबेड़ी जंगल खनिज माफियाओं की चरागाह बन चुका है। बताया जा रहा है कि यहां पर एक दर्जन से अधिक अवैध खदानों का संचालन किया जा रहा है तो अनेक खदानें नियमों को दरकिनार करते हुए जमीन का सीना छलनी कर रही है। सालों से चल रहे इस खनन को लेकर लोग खनिज विभाग और प्रशासन पर भी मिलीभगत का आरोप लगा रहे है।
बुधवार की देर शाम अचानक से सक्रिय हुआ प्रशासन सीधा बबेड़ी जंगल पहुंचा और यहां पर संचालित एक खदान पर कार्रवाई करते हुए यहां से मशीनरी जब्त कर ली थी। मशीन जब्ती के बाद खनिज विभाग पूरे २४ घंटे बाद भी यहां की नाप-तौल कर यह पता नहीं कर सका था कि कितनी जमीन में अवैध खनन किया गया है। साथ ही यह खनन किसके द्वारा किया जा रहा है, इसकी भी जानकारी नहीं दी जा पा रही है। वहीं राजस्व अधिकारी इस जांच में समय लगने एवं अन्य अवैध खदानों पर भी कार्रवाई करने की बात कह रहा है।
खोद दिया पूरा जंगल
लोगों की माने तो माफियाओं ने इस पूरे जंगल को खोद दिया है। यहां पर तीन दर्जन से अधिक खदानों का संचालन होना बताया जा रहा है। लोगों की माने तो यहां पर खोदी जा रही कई खदानों की गहराई ३०० से ५०० फीट हो गई है। ऐसे में इन खदानों को मिलने वाली पर्यावरण विभाग की एनओसी पर भी सवाल खड़े हो रहे है। साथ ही यहां पर काम करने वाले खनिज विभाग आखिर क्या देख रहा है, सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है।
पाट दिया नाला
सातार के पास से गुजरने वाला बबेड़ी नाला भोजपुरा, सीतापुर, जिजौरा होते हुए बेतवा नदी में जाकर मिलता था। इन गांवों के लोगों की माने तो कहीं-कहीं तो यह नाला १०० मीटर तक चौड़ा था। इस नाले में पूरे साल पानी रहता था। इन गांवों के लोग इसी नालें से निस्तार के लिए पानी लेते थे तो गर्मियों में मवेशियों के लिए यह नाला ही एक मात्र स्रोत था, लेकिन इस नाले को माफिया ने पाट दिया है। बताया जा रहा है कि इस नाले को पार कर माफियाओं के वाहन सीधे यूपी के साथ ही प्रतापपुरा में स्थित क्रशरों पर सीधे पहुंच जाते थे। नाले के पाटे जाने से इन गांवों में पानी की परेशानी हो गई है, लेकिन प्रशासन को कुछ नहीं दिखाई दे रहा है। लोगों की माने तो माफियाओं के कारण बबेड़ी नाला ८० प्रतिशत खत्म हो गया है।
आरओसी मशीन चिंता का सबब
प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई में यहां पर एक आरओसी मशीन मिली है। आरओसी मशीन का उपयोग हैंडपंप आदि खनन में किया जाता है। बताया जा रहा है कि इस मशीन की मदद से माफिया खदानों में ३० से ५० फीट तक ड्रिल करते है और फिर उनमें विस्फोटक डाल कर ब्लॉस्ट करते है। विभागीय सूत्रों की माने तो खदानों में इन मशीनों का उपयोग प्रतिबंधित है। वहीं ब्लॉस्ट के लिए खदान संचालक के पास या तो खुद का लाइसेंस होना चाहिए या फिर किसी लाइसेंसी से यह काम करना चाहिए, लेकिन सूत्रों की माने तो हर खदान पर एक से दो आरओसी मशीनों का खुल कर उपयोग किया जा रहा है। इस संबंध में जानकारी लेने एवं चल रही खदानों की वैद्यता की जानकारी लेने सहायक खनिज अधिकारी अजय मिश्रा को फोन किया तो उनका नंबर बंद था। विभाग ने बताया कि वह अवकाश पर चले गए है।
कहते है अधिकारी
बबेडी जंगल में किए गए खनन की अभी नाप की जाएगी। नाप के बाद ही किए गए खनन से हुई राजस्व हानि की जानकारी सामने आएगी। इस प्रकार की अन्य जो खदानें चल रही है, उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।- सतीश वर्मा, एसडीएम, निवाड़ी।
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