scriptतम्बाकू के सेवन बढ़ रहे मुंह के कैंसर के मरीज, इलाज के लिए जिले में नहीं एक भी विशेषज्ञ | Oral cancer patients are increasing their consumption of tobacco, there is not a single specialist in the district for treatment. | Patrika News
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तम्बाकू के सेवन बढ़ रहे मुंह के कैंसर के मरीज, इलाज के लिए जिले में नहीं एक भी विशेषज्ञ

-जिला अस्पताल में महज स्क्रीनिंग के माध्यम से कैंसर रोगियों की हो रही पहचान
-जिले में तंम्बाकू से बने उत्पादों की बिक्री भी हो रही जोरों से, दो से तीन करोड़ रुपए का हर महीने हो रहा कारोबार

दमोहMay 31, 2024 / 07:04 pm

आकाश तिवारी

-जिला अस्पताल में महज स्क्रीनिंग के माध्यम से कैंसर रोगियों की हो रही पहचान
-जिले में तंम्बाकू से बने उत्पादों की बिक्री भी हो रही जोरों से, दो से तीन करोड़ रुपए का हर महीने हो रहा कारोबार
दमोह. बुंदेलखंड में कैंसर का मर्ज आम बीमारियों के जैसा हो गया है। कैंसर रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मुंह के कैंसर से पीडि़त मरीज ज्यादा हैं। इसकी वजह तम्बाकू का सेवन करना बताया जा रहा है। जिले में भी मुंह के कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार हर माह २ मरीज मुंह के कैंसर के चिंहित हो रहे हैं। हालांकि इनकी संख्या कई गुना अधिक है। वजह विशेषज्ञों का न होना है। जानकार हैरानी होगी कि जिला अस्पताल तो क्या पूरे जिले में एक भी कैंसर विशेषज्ञ नहीं है। पद स्वीकृत होने के बाद भी दशकों से पद खाली है। प्रारंभिक स्टेज पर बीमारी पकड़ में न आने के कारण यह विकराल रूप ले लेती है। जब मरीज कैंसर की आखिरी स्टेज पर पहुंच जाता है तब उसे बीमारी का पता लग रहा है। स्क्रीनिग के नाम पर यहां पर महज औपचारिकता ही निभाई जा रही है। जिला अस्पताल में ओरल कैंसर, सर्वाकल कैंसर के मरीजों की जांच हो रही है, लेकिन विशेषज्ञ न होने से यह जांच महज दिखावा साबित हो रही है।
-नहीं जुटा पा रहे डाटा
कैंसर रोग नॉन कम्युनिकेवल डिसीज यानी असंक्रामक रोग की श्रेणी में आता है। इसके लिए जिले भर में एनसीडी क्लीनिक चलाई जा रही हैं। इसके जरिए कैंसर रोगियों को चिंहित किया जाता है और उन्हें उपचार दिलाया जाता है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि उनके पास कोई डाटा नहीं है। जबकि यह डाटा शासन स्तर पर भेजा जाता है। एनसीडी कार्यक्रम में जमकर लापरवाही सामने आ रही है।
-जबलपुर, भोपाल व मुंबई इलाज के लिए जाने मजबूर मरीज
मुंह के कैंसर, बच्चादानी कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, गले का कैंसर आदि से पीडि़त मरीजों को मुख्यालय पर इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे मरीज प्रारंभिक स्टेज पर चिंहित हो जाए तो उनकी जान बचाई जा सकती है, लेकिन दुर्भाग्यवश विशेषज्ञों की कमी के कारण इन्हें कैंसर की बीमारी का पता आखिरी स्टेज पर पहुंच जाने के बाद चलता है। जिले के मरीज जबलपुर, भोपाल, इंदौर, नागरपुर और मुंबई इलाज के लिए भटकते हैं।
-हर महीने दो करोड़ से ज्यादा का कारोबार
तंम्बाकू से बने उत्पादों, बीड़ी-सिगरेट और पान मसाला आदि का कारोबार जिले में बहुत ज्यादा है। शहर में थोक दुकानों की संख्या भी बहुत बढ़ चुकी है। देखा जाए तो औसतन हर महीने दो से तीन करोड़ रुपए का कारोबार तम्बाकू से बने उत्पादों की बिक्री से हो रहा है। इन्हीं की वजह से कैंसर पीडि़तों की संख्या बढ़ रही है।
वर्शन
हमारे पास कैंसर रोग विशेषज्ञ नहीं है। स्क्रीनिंग कराई जाती है। इसमें चिंहित मरीजों को दवाएं दी जा रही है। शासन को पत्र लिखा है और विशेषज्ञ मांगे हैं।
डॉ. राजेश नामदेव, सिविल सर्जन

निवार्चन आयोग का प्रवेश होने पर ही मिलेगा मतगणना स्थल पर प्रवेश

दमोह. लोकसभा चुनाव को लेकर 4 जून को पॉलीटेक्निक कॉलेज में मतगणना होना है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सुधीर कुमार कोचर ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर कहा है कि मतगणना कार्य में लगे अधिकारियोंए कर्मचारियोंए मीडिया कर्मियोंए अभ्यर्थियोंए गणन अभिकर्ताओं को जारी किए गए प्रवेश पत्र अनुसार प्रवेश दिया जाए। कलेक्टर कोचर ने कहा है कि प्रवेश के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से मतगणना कार्य में किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी प्रकार के बैगए अन्य वस्तुएं ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। मोबाईलए केलकुलेटरए अन्य इलेक्ट्रानिक सामग्री ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। किसी को भी इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी।
मोबाइल ले जाना पूर्णत: प्रतिबंधित
पॉलिटेक्निक कॉलेज के परिसर में मीडिया कक्ष स्थापित किया गया है मीडिया कर्मियों को गणना हॉल के अंदर मोबाईल ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मीडिया कर्मियों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी प्रवेश पत्र ही मान्य होगें। अन्य किसी प्रकार के प्रवेश पत्र होने पर उन्हें प्रवेश न दिया जाए। मीडिया कक्ष में मीडिया कर्मियों के संचार के लिए एक दूरभाष की व्यवस्था की गई है। महिला कर्मचारीए महिला अभ्यर्थीए महिला गणन अभिकर्ता को किसी भी प्रकार के बैग, सामग्री, मोबाईल ले जाने की जांच के लिए महिला सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जाए।

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