शोधकर्ताओं ने इसको लेकर अनुमान लगाया है कि पूरे विश्व में 2050 तक इसके मामलों में 75 प्रतिशत तक बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इस बीमारी से ज्यादातर ग्रसित 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोग होते हैं। इसका कारण हड्डियों का सहारा देने वाले कार्टिलेज ऊतक का खराब हो जाना बताया जाता है।डॉक्टरों का कहना है कि ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) के हो जाने पर इसको रोका नहीं जा सकता है समय के साथ इसकी प्रगति को धीमा करना ही एकमात्र इसका इलाज है।
क्या है ऑस्टियोआर्थराइटिस What is osteoarthritis
ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) को वियर एंंड टियर के साथ गठिया रोग के नाम से भी जाना जाता है। इसको एक और नाम अपक्षयी सुंयक्त रोग के नाम से भी जाना जाता है। यह तब होता है जब आपके जोड़ों को लाइन करने वाली उपास्थि समय के साथ खराब हो जाती है और जब आप अपने प्रभावित जोड़ों का उपयोग करते हैं तो आपकी हड्डियाँ एक दूसरे से रगड़ खाती हैं।
युवा व्यक्तियों में भी हो सकता है ऑस्टियोआर्थराइटिस Osteoarthritis can occur even in young people
इसको लेकर शोधकर्ताओं ने कहा है कि ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) 45 वर्ष के बाद होता है लेकिन उम्र एक प्रमुख कारक है, और इस वजह से युवा व्यक्तियों में भी इसके होने की प्रवृत्ति हो सकती है। उनका मानना है कि घुटने के ओए के अधिकांश मरीज़ उम्रदराज हैं, लेकिन हम इसे 40 या 30 की उम्र के लोगों में भी देखते हैं।
ऑस्टियोआर्थराइटिस होने का कारण शारीरिक गतिविधियां Physical activities cause osteoarthritis
शोधकर्ताओं ने बताया कि शारीरिक और वजन उठाने वाली गतिविधियों को इसका कारण माना है। उन्होंने कहा कि जॉगिंग, तैराकी, साइकिल चलाना, टेनिस, एरोबिक डांस और स्कीइंग जैसी विशिष्ट गतिविधियाँ या बहुत ज़्यादा बैठने के पैटर्न से वयस्कों में 8 साल की अवधि में घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) के लक्षण दिखाई देते हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण Symptoms of Osteoarthritis
- जोड़ों में दर्द
- जोड़ों में अकड़न
- जोड़ों में सूजन
इनको ऑस्टियोआर्थराइटिस के मुख्य कारणों में गिना जाता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।