इसका खुलासा एमपीसीए के अंपायर ने एसोसिएशन के साथ कलेक्टर व पुलिस महानिरीक्षक से की गई शिकायत में हुआ है। फिलहाल यह शिकायत केवल पन्ना जिले को लेकर की गई है, लेकिन जब मामले में पत्रिका ने पड़ताल की तो पता चला कि यह फर्जीवाड़ा अधिकांश जिलों में चल रहा है, लेकिन सांठगांठ के चलते अब तक उजागर नहीं हो सका है।
कई जिलों में चल रहा खेल
अंपायर ने अपनी शिकायत में बताया है कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे पन्ना जिले की टीम में दिल्ली, गाजियाबाद सहित उत्तरप्रदेश के अन्य जिलों के खिलाड़ी खेल रहे हैं। ऐसा नहीं है कि यह शिकायत पहली बार हुई है, इसके पहले भी शिकायतें हुई हैं, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस शिकायत पर पत्रिका ने पड़ताल की तो साफ हो गया कि यह फर्जीवाड़ा सिर्फ पन्ना में ही नहीं, कई जिलों में चल रहा है। पत्रिका ने ऐसे खिलाड़ियों के दस्तावेज भी खंगाले तो इसकी पुष्टि भी हो गई।
आधार कार्ड फर्जी
एमपीसीए के अपायर नीरज तिवारी ने शिकायत के साथ दूसरे प्रदेश के खिलाडियों के फर्जी दस्तावेज भी संलग्न किए हैं। इसमें दो खिलाडियों और उनके माता-पिता के आधार कार्ड फर्जीवाड़े की कहानी कह रहे हैं। खिलाड़ी के आधार कार्ड पर निवास पन्ना व छत्तरपुर लिखा है, जबकि उनके माता-पिता के आधार पर निवास महमूदपुर उत्तरप्रदेश तो दूसरे के माता-पिता के आधार कार्ड पर गाजियाबाद उत्तरप्रदेश लिखा है। दोनों ही खिलाड़ी पन्ना जिले की अडर-18 की टीम से खेल चुके हैं। नीरज का कहना है, ये दो मामले तो सामने आ गए, लेकिन फर्जी खिलाडियों की संख्या इससे कही ज्यादा है।
अंडर-18 में खेले 20-22 साल के खिड़ी
एसोसिएशन की मिलीभगत से हुए फजीवाड़े में सभी हद पार कर ली गई। पन्ना जिले की टीम में अंडर-18 में 20- 22 साल के खिलाड़ी भी शामिल किए गए। उन्हें चयनित कर अंतर जिला क्रिकेट प्रतियोगिताओं में खेलाया गया है।
ये है नियम
अडर-18 टीम में चयन के लिए एमपीसीए का नियम है कि जिला स्तर की टीम में प्रदेश का कोई एक और सभाग के अन्य जिले का एक खिलाड़ी खेल सकता है। उनका मप्र से होना जरूरी है। लेकिन आधार कार्ड और मार्कशीट में पता बदलकर इस नियम को तोड़ा जा रहा है।
अध्यक्ष भी बोले… हां, हुआ फर्जीवाड़ा
पत्रिका से बातचीत में पन्ना जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह परमार ने भी फर्जीवाड़े को स्वीकार किया। उन्होंने बताया, पूर्व में सिलेक्टरों में शामिल रहे दो लोगों ने यह फर्जीवाड़ा किया है। इसमें पन्ना के दो – स्कूलों के नाम भी सामने आए हैं। ये स्कूल मार्कशीट रह जारी करते हैं। जिला एसोसिएशन ने भी इसकी शिकायत की है।
डिवीजन नहीं खेला
जिनकी शिकायतें आई हैं, उन्होंने डिवीजन नहीं खेला है। जिला स्तर के मैच खेले हैं। डिवीजन स्तर पर कोई फर्जी खिलाडी को भेज देते हैं। नित नहीं हुआ। खिलाड़ी जिला स्तर से चयनित होते हैं। हम उनके दस्तावेज एमपीसीए पुष्पेंद्र सिंह, कार्यवाहक सचिव, डिवीजन एसोसिएशन, सागर
कमेटी की बैठक में रखेंगे
खिलाडियों के फर्जी तरीके से चयन की शिकायत मिली है। ऐसे मामले डिवीजन एसोसिएशन की मैनेजिंग कमेटी में रखे जाते हैं। 9 जून को कमेटी की बैठक में रखेंगे। प्रो. केएस पित्रे, चेयरमैन, एमपीसीए डिवीजन एसोसिएशन, सागर