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चिकित्सा संस्थानों पर टीबी रोगियों को नहीं मिल रही पूरी दवाईयां, बाहर से खरीदना मजबूरी

जिले में हर माह आ रहे 250 मरीज

झालावाड़Jun 09, 2024 / 09:47 am

harisingh gurjar

.देश और प्रदेश को टीबी से मुक्त करने के लिए वर्ष 2018 में टीबी मुक्त भारत अभियान का आगाज हुआ था। उस समय को पूरा होने में अब करीब डेढ़ साल ही शेष है। लेकिन टीबी मुक्ति फिलहाल कोसों दूर है। टीबी रोगियों को सरकारी अस्पतालों में दवा तक नहीं मिल रही है। ऐसे में जिन लोगों के दवा चल रही थी, उनमें से भी कई दवा छोड़ चुके है। ऐसे में उनके फिर से दवा शुरू करने पर करीब छह माह का पूरा कोर्स लेना होगा।
राज्य में एक जनवरी से अब तक 62 हजार से अधिक टीबी के रोगी चिह्नित हो चुके हैं। पिछले साल एक जनवरी 2023 से 31 दिसबर तक 1 लाख 64 हजार से अधिक मरीज थे। इनमें से कई मरीजों के अभी तक टीबी की दवा का कोर्स पूरा नहीं हुआ है।
राज्य के चिकित्सा संस्थानों में टीबी की दवा नहीं होने पर एक आदेश जारी किया गया था। जिसके तहत चिकित्साधिकारी को ओपीडी पर्ची पर टीबी की दवा मय निक्षय आइडी, हस्ताक्षर व मोहर लगाकर दी जानी है। इस पर्ची से मरीज दवा बाहर से खरीदकर बिल के साथ अपनी बैंक खाता संख्या आदि की जानकारी के साथ चिकित्सा संस्थान में जमा करवा सकते हैं। इसके बाद मरीज को उस राशि का भुगतान करने का प्रावधान है। इसमें समस्या यह है कि चिकित्सक दस दिन की ही दवा लिख सकते हैं पर मरीजों को इसकी जानकारी नहीं है।
इन दवाओं की नहीं हो रही आपूर्ति-

अस्पतालों में रिफापीसिन, इथामबुटोव, पाइटाजिनामाइड, आइजोनिजाइड साल्ट की दवा की आपूर्ति नहीं हो रही है। ऐसे में टीबी मरीजों को बाहर से लेने में दिक्कत हो रही है। कई गरीब तबके के मरीजों को आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है।
जिलावार सरकारी व निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या

जिला सरकारी निजी अस्पताल

झालावाड़ 1152 390

चित्तौडगढ़़ 981 158

भीलवाड़ा 1358 956

प्रतापगढ़ 573 21

बांसवाड़ा 1445 206
डूंगरपुर 1153 200

राजसमंद 747 210

उदयपुर 2795 1318

अजमेर 2256 450

अलवर 2315 2253

बारां 717 286

बाड़मेर 586 72

भरतपुर 1447 381

बीकानेर 1605 703
बूंदी 805 244

चुरू 916 105

दौसा 972 103

धौलपुर 1101 357

गंगानगर 1255 645

हनुमानगढ़ 1345 381

जयपुर प्रथम 4577 1422

जयपुर द्वितीय 1627 1442

जैसलमेर 174 7
जालोर 824 440

झुंझुनू 735 334

जोधपुर 2301 896

करौली 1471 425

कोटा 1795 980

नागौर 1203 344

पाली 923 221

सवाई माधोपुर 86 372

सीकर 1249 673
सिरोही 494 210

टोंक 1198 136

कुल 45081 17641

लगातार लेनी होती है दवा-

टीबी के मरीज को छह माह तक लगातार दवा लेनी होती है। उसे छोडऩा नहीं चाहिए। यदि किसी कारण से दवा छूट गई है तो तत्काल चिकित्सक से सलाह लेकर वापस शुरू करनी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर बीमारी बढ़ सकती है।
जिले में ब्लाकवार टीबी मरीज

बकानी 41

डग 75

झालरापाटन 239

झालावाड़ डीटीसी 867

खानपुर 35

मनोहरथाना 216

सुनेल 69

इनका कहना है-

टीबी के मरीजों के लिए दवाई नियमित रूप से खरीद रहे हैं। अपने जिले में कमी नहीं है। लोकल स्तर पर टैंडर कर दवाई खरीद रहे हैं। बीच में कमी आ गई थी। तो सरकार की ओर से एक लैटर जारी कर कहा गया था कि अपने स्तर पर खरीद कर लें बिल पास कर देंगे।
डॉ.मुकेश बंसल, जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी, झालावाड़।

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