कमिश्नर ने उन्मेष कार्यक्रम में कहा- शिक्षक धर्म का पालन कर हर बच्चे का भविष्य संवारें
संभाग स्तरीय मोटिवेशनल शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्मेष को कमिश्नर ने किया संबोधित
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संभाग स्तरीय मोटिवेशनल शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्मेष को कमिश्नर ने किया संबोधित
शिक्षा के क्षेत्र में शहडोल संभाग को हम सब मिलकर सर्वश्रेष्ठ बनाएंगे। इसके लिए शहडोल संभाग के सभी शिक्षक अपने शिक्षक धर्म का पालन करें। हमारे यहां सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं, स्कूलों में अच्छी सुविधाएं हैं, इसके बावजूद पालक अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं की ओर देखता है। हम सबको मिलकर इस मिथक को तोडऩा होगा और शिक्षण संस्थानों को आनंद शालाएं बनाना होगा। शैक्षणिक संस्थानों में आनंद दायक वातावरण निर्मित होने पर बच्चे स्कूल आने के लिए स्वयं आकर्षित हों, इसके प्रयास करने होंगे। ये उद्गार शनिवार को कमिश्नर शहडोल संभाग बीएस जामोद ने उमरिया जिले के कन्या शिक्षा परिसर में संभाग स्तरीय मोटिवेशनल शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्मेष को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
कमिश्नर ने कहा कि शिक्षक स्कूल में बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बच्चों के पालकों से जीवंत संपर्क स्थापित करें। बच्चों के पालकों को शिक्षा का महत्व बताएं, शिक्षा के प्रति पालकों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर शहडोल संभाग के एक-एक बच्चे के भविष्य की चिंता करना है, अच्छे प्रयास कर बच्चों के भविष्य को गढऩा है, इसके लिए सबको समन्वित प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि गांव के एक-एक बच्चे को स्कूल पहुंचा कर, उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर उनके भविष्य को गढऩे का प्रयास सभी शिक्षक करें। उन्होंने कहा कि शिक्षक पूरी लगन, मेहनत एवं पूर्ण आस्था के साथ बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने का प्रयास करें।
कमिश्नर ने कहा कि कोई भी छात्र किसी से कम नहीं होता है, किसी भी बच्चे की समझने की झमता किसी से कम नहीं होती है। कोई बच्चा खेल में अच्छा है, कोई साहित्य में, कोई योगा में, कोई वाद्य यंत्र बजाने में, कोई डॉक्टर या इंजीनियर बनने की इच्छा रखता है। शिक्षक छात्रों की रुचि को समझें और अभिरुचि के अनुरूप छात्रों को आगे बढ़ाने का प्रयास करें।
कमिश्नर बीएस जामोद ने कहा कि शिक्षक एक जौहरी के समान होता है, जो बच्चों को हीरे की तरह तराश कर उसकी प्रतिभा को निखारने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने इस दायित्व का निर्वहन जवाबदेही के साथ करें। कमिश्नर ने कहा कि पहले शिक्षकों का बहुत मान सम्मान था, इस मान सम्मान को बनाए रखने के लिए शिक्षक निरंतर अच्छे कार्य करें। उन्होंने कहा कि शिक्षक बच्चों को निरंतर आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करें।
उन्मेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर उमरिया धरणेन्द्र कुमार जैन ने कहा की शिक्षक समाज को जागरूक करता है। शिक्षक छात्रों का पथ प्रदर्शक है, किंतु आज शिक्षकों को जागरूक करने की आवश्यकता पड़ रही है। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय उन्मेष कार्यक्रम से शिक्षकों में जागरुकता आएगी। शिक्षक अपने दायित्वों को समझेंगे। कलेक्टर ने कहा कि हम सभी का प्रयास यह होना चाहिए कि छात्रों को उनकी अभिरुचि के अनुरूप शिक्षा मिले। उन्होंने कहा कि स्कूल में पढऩे वाला छात्र क्या बनना चाहता है, इस पर शिक्षक ध्यान दें एवं उसी अनुसार बच्चों को शिक्षा मुहैया कराएं। उन्होंने ने कहा कि बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करने के लिए शिक्षक स्कूल का वातावरण सुखद और आनंद दायक बनाएं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त जनजाति कार्य विभाग ऊषा सिंह ने कहा कि बच्चों को प्राथमिक स्तर की शिक्षा गुणवत्तापूर्ण मिलना चाहिए। इसके लिए स्कूल का वातावरण सुखद होना चाहिए। शिक्षा के अलावा बच्चों में मानवीय गुण का विकास भी आवश्यक है। उन्मेष कार्यक्रम में लगभग 12 शिक्षकों ने दो दिवसीय प्रशिक्षण के अनुभव भी साझा किए। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उमरिया अभय सिंह ओहरिया, अपर कलेक्टर उमरिया शिव गोविंद सिंह मरकाम भी उपस्थित रहे।
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