साफ जगह पर ही भंडारित करें
सहायक कृषि अधिकारी पाटन कैलाशचन्द शर्मा ने बताया कि जो किसान फसल का भंडारण कर रहे हैं, उन्हें चाहिए कि रबी की उपज को साफ सुथरे बारदाने में भरकर साफ जगह पर ही भंडारित करें। भंडार वाली जगह पर नमी की पहुंच नहीं होनी चाहिए। जगह पूर्ण रूप से शुष्क होनी चाहिए। कटाई हो चुके खेतों में अभी भी नमी की मात्रा मौजूद है। अत: गर्मी की गहरी जुताई कर खेतों को तपने के लिए छोड़ दे। ताकि धूप लगने से खेतों की मिट्टी की उपजाऊ क्षमता तो बढ़ेगी ही साथ ही जमीन में मौजूद हानिकारक कीड़े व अंडे भी नष्ट हो जाएंगे। यही कारण है कि क्षेत्र के अधिकतर किसान रबी की कटाई के तुरंत बाद अपने-अपने खेतों की जुताई में जुट गए। आधे से अधिक खेतों की जुताई भी हो चुकी है एवं शेष किसान भी जैसे जैसे सम्भव हो रहा है खेतों की जुताई कर रहे है।
जितनी जल्दी होगी जुताई, मिट्टी उतनी होगी उपजाऊ
किसान गोविन्द नारायण एवं किसान कल्याणराम व मनीष कुमार ने बताया कि खेतों में जुताई जितनी जल्दी होगी, खेतों की मिट्टी उतनी ही उपजाऊ होगी। खेत कीटाणु व जीवाणु रहित हो जाएंगे। धूप में तपने से मिट्टी उपजाऊ होगी और यदि बारिश होती भी है तो जुताई किए हुए खेत बारिश के पानी को अत्यधिक मात्रा में सोख सकेंगे। इससे आगामी खरीफ की फसल की अच्छी पैदावार होगी। किसान सुखराम व राकेश जाट ने बताया कि गर्मी की जुताई से खेतों की मिट्टी की जलधारण क्षमता, वायु संचार बढने से भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि होती है। इसलिए जितनी जल्दी सम्भव हो खेतों की जुताई करके खेतों को धूप में खाली छोड़ दे। कृषि अधिकारी ने बताया कि इस समय किसान ग्वार, खीरा, तरबूज, खरबूज, टिंडे, ककड़ी, करेला, जानवरों के लिए हरे चारे के लिए बहु कटाई वाली ज्वार एवं बाजरा इत्यादि की बुआई भी कर सकते हैं। इससे किसान अतिरिक्त कमाई भी कर सकते है।