समाज में बढ़ी खर्चीली शादियां हर समाज में शादियां खर्चीली होने लगी है। मुनि पुंगव सुधासागर महाराज कहते है कि देश में प्रतिवर्ष शादियों में करोड़ों रुपए औचित्यहीन दिखावे के लिए खर्च हो जाती है। ऐसे में देश में गरीबी की बात करना दुखद है। ऐसे खर्चे पर रोक लगाने के लिए जैन संत आगे आए हैं। इसके चलते अब जैन समाज में कम खर्च में शादियां होने लगी है।
जैन मंदिर में होता चक्रवर्ती विवाह मुनि सुधासागर महाराज के आव्हान पर जैन समाज में चक्रवर्ती विवाह होने लगे है। सुरेन्द्र गोधा ने बताया कि इस प्रकार का विवाह जैन मंदिर में किया जाता है। शादी के दिन वर-वधु व्रत रखते है और सुबह भगवान की शांतिधारा व पूजन के उपरांत भगवान के सामने फेरे लेते है। उसके बाद यह शादी संपन्न होती है। इसमें वर-वधु को सात दिन का ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है।
अब रात में नहीं, दिन में होते आयोजन महेन्द्र सेठी ने बताया कि जैन समाज ने कुछ समय पहले तय किया कि अब रात में नहीं, केवल दिन में शादी व अन्य सामाजिक आयोजन होंगे। शादी में महंगे निमंत्रण पत्र और उनके साथ उपहार देने की परंपरा को भी बंद करने के निर्णय किया है। इनमें सड़कों पर डांस और आतिशबाजी के प्रयोग को बंद करना शामिल है। इस निर्णय के बाद जैन समाज में जागृति आई है।
इस तरह हुई शुरुआत सुधासागर महाराज के आव्हान पर सबसे पहले आरके कॉलोनी निवासी अशोक गंगवाल के पुत्र सीए प्रतिक गंगवाल का चक्रवर्ती विवाह सुभाषनगर स्थित नेमिनाथ जैन मंदिर में हुआ। फिर आरसी व्यास निवासी सुशील कुमार शाह की पुत्री तन्वी शाह का चक्रवर्ती विवाह जहाजपुर स्वतिधाम में हुआ। शादी के बाद वर-वधु जैन यात्रा पर निकले तथा सुधासागर महाराज के दर्शन कर अपनी जीवन यात्रा को प्रारम्भ किया। हाल ही में आरके कॉलोनी निवासी सुरेश गदिया ने अपने पुत्र हर्ष गदिया का चक्रवर्ती विवाह जहाजपुर के स्वतिधाम में किया। शादी के बाद वर-वधु आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के दर्शन करने गए।