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ग्रामीणों ने कलक्टर को सुनाई खरी-खरी, पांच दिन बाद धरने की चेतावनी

सीमावर्ती गांव नग्गी में रात्रि चौपाल, दूषित पेयजल, अधूरे निर्माण व अन्य समस्याओं के निराकरण की मांग

श्री गंगानगरJun 08, 2024 / 07:02 pm

Ajay bhahdur

ग्रामीणों ने कलक्टर को सुनाई खरी-खरी, पांच दिन बाद धरने की चेतावनी

ीकरणपुर. गांव नग्गी में कलक्टर के समक्ष अपनी समस्याएं रखते ग्रामीण।

श्रीकरणपुर @ पत्रिका. सीमावर्ती गांव 36 एच नग्गी में जिला प्रशासन की ओर से रात्रि चौपाल हुई। इसमें ग्रामीणों ने दूषित पेयजल व अन्य समस्याओं को लेकर जिला कलक्टर के समक्ष आक्रोश जताया। वहीं, दो साल से अधरझूल में पड़ी श्मशान भूमि की चारदीवारी का 5 दिन में निर्माण शुरू नहीं करने पर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी।
जानकारी अनुसार शुक्रवार रात करीब आठ बजे जिला कलक्टर लोकबंधु व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों का अमला गांव नग्गी पहुंचा। स्वागत-सत्कार के बाद ग्रामीणों ने उनके समक्ष कई समस्याएं रखी। ग्रामीणों का कहना था कि समस्याओं को लेकर वे अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर लगाते रहते हैं लेकिन उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। इसे लेकर कलक्टर गंभीर दिखाई दिए और उन्होंने ग्रामीणों को समस्याओं के निराकरण का भरोसा दिलाते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मौके पर ग्राम पंचायत की सरपंच माया देवी के अलावा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मृदुल सिंह, एसडीएम श्योराम, तहसीलदार सुभाषचंद शर्मा, नायब तहसीलदार जगदीश प्रसाद, जलदाय विभाग के एइएन मोनिंद्रजीत सिंह, विद्युत निगम के एइएन वीके वर्मा, बीसीएमओ डॉ.चरणजीत सिंह रौला, ग्राम विकास अधिकारी नरेश डारा, एलडीसी कुलवीर सिंह सहित कई अन्य अधिकारी व कार्मिक शामिल हुए।

दूषित पानी पी रहे ग्रामीण

जानकारी अनुसार ग्रामीण साहब राम, पूर्व डायरेक्टर बुध राम, भीमसैन, संदीप कुमार, रामप्रताप झोरड़, विश्वजीत व पलविंद्र सिंह आदि की ओर से कलक्टर को परिवाद सौंपकर कई समस्याओं के निराकरण की मांग की गई। ग्रामीणों ने कलक्टर को बताया कि लंबे अर्से से गांव की पेयजल डिग्गियों व फिल्टर्स की साफ-सफाई नहीं की गई। इससे ग्रामीण दूषित व बदबूदार पानी पीने को मजबूर हैं। इसके अलावा उन्होंने मनरेगा के अंतर्गत नियमित कार्य शुरू करने, करीब डेढ़ साल से सरकारी स्कूल में रिक्त अर्थशास्त्र विषय का शिक्षक लगाने, स्थायी पशु चिकित्सक की नियुक्ति करने, पीएम आवास का कार्य शीघ्र पूरा करने व निर्मित कैटल शैड की राशि का भुगतान करने की मांग की। इसके अलावा वार्ड एक में ओवर फ्लो होने वाले जोहड़ की समस्या से निजात दिलाने, नहरी भूमि पर किए कब्जे हटाने, फसल खराबे का मुआवजा दिलाने के साथ मेघवाल मोहल्ले में करीब 30 साल पहले बने सामुदायिक भवन के जर्जर होने की बात कहते हुए इस भवन को नकारा घोषित करने की मांग भी उठाई।

निर्माण के बिना ही उठाए 4 लाख रुपए!

रात्रि चौपाल के दौरान ग्रामीणों ने एमएलए कोटे से मंजूर श्मशान भूमि की चारदीवारी का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कलक्टर को परिवाद सौंपकर बताया कि कार्य स्वीकृत होने के दो साल बाद भी इसका निर्माण शुरू नहीं हो सका है। ग्रामीणों ने बताया कि इसके लिए 10 लाख रुपए मंजूर किए गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्माण किए बिना ही इसमें से चार लाख रुपए उठा लिए गए। ग्रामीणों ने मामले में जांच कर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि पांच दिवस में काम शुरू नहीं किया गया तो वे धरना-प्रदर्शन करेंगे।

तारबंदी में आई कृषि भूमि का मिले मुआवजा

जिला परिषद के डायरेक्टर दुलाराम मेघवाल ने भारत-पाक सीमा के निकट तारबंदी में आई कृषि भूमि का मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस भूमि का उपयोग नहीं कर पाने से किसानों का काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने तहसील के सभी पशु चिकित्सालयों में चिकित्सकों की नियुक्ति तथा दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति संबंधी परिवाद भी सौंपा।

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