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तीन साल पूर्व डेढ़ करोड़ से बनी टंकी से जलापूर्ति नहीं, कुएं में स्टोर किया गया पानी बेच रहे दबंग

– कैलारस की थाटीपुरा पंचायत में 4 किमी दूर कोर्ट सिरथरा के बोर से लेजम के सहारे पानी लाकर सूखे कुए में कर रहे स्टोर
– संपन्न लोगों ने कुए में डाली मोटर, गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर लोग 300 रुपए महीने में खरीद रहे पीने का पानी

मोरेनाMay 28, 2024 / 10:57 am

Ashok Sharma

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मुरैना. शासन प्रशासन सुदूर बसे गांवों में पेयजल व्यवस्था सुदृढ़ होने का दावा तो करता है लेकिन वहां की हकीकत से अफसर कोसों दूर है। यही कारण हैं कि कैलारस जनपद पंचायत की थाटीपुरा ग्राम पंचायत में डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए दो साल हो गए लेकिन अभी तक गांव को प्रोपर नल जल योजना से पानी नहीं मिल पा रहा है।
पीएचई विभाग द्वारा ग्राम पंचायत थाटी पुरा में तीन साल पूर्व 1.50 करोड़ खर्च करके नल जल योजना के तहत टंकी का निर्माण कराया और गांव में आठ किमी तक पाइप लाइन बिछवाई गई लेकिन बाद में करीब ढाई हजार मीटर तक की पाइप लाइन चोरी हो गई। ग्रामीण व सरपंच का कहना हैं कि ठेकेदार स्वयं पाइप खींचकर ले गया और ठेकेदार का कहना हैं कि पाइप चोरी हो गए लेकिन रिपोर्ट आज तक नहीं लिखाई गई है। वर्तमान में स्थिति यह है कि थाटीपुरा पंचायत के मूल गांव में एक हजार के करीब आबादी है लेकिन एक भी जलस्रोत नहीं हैं जिससे वह पानी भर सकें। गांव से चार किमी दूर स्थित कोर्ट सिरथरा पंचायत के बोर से पाइप डालकर पानी लाया जा रहा है और थाटीपुरा के सूखे कुएं में पानी को स्टोर किया जा रहा है। उसमें गांव के संपन्न लोगों ने मोटर डालकर पानी भर रहे हैं और गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर लोग उन संपन्न लोगों से 300 रुपए महीना किराए पर पानी लेकर अपनी प्यास बुझ रहे हैं।
पानी की सप्लाई शुरू होने से पूर्व क्षतिग्रस्त हुई टंकी, पाइप लाइन गायब
पीएचई ने नल जल योजना के तहत तीन साल पूर्व थाटीपुरा में टंकी का निर्माण करवाया और पाइप लाइन भी डाली गई लेकिन एक दिन भी पानी की सप्लाई नहीं हो सकी, उससे पूर्व टंकी क्षतिग्रस्त होने लगी और पाइप लाइन गायब हो गई। इस टंकी को भरने के लिए बोर सफल नहीं हो सके इसलिए एक दिन भी टंकी में पानी नहीं भर सका है।
बिजली गुल होने पर हार के कुओं से ला रहे पानी
थाटी पुरा में अगर बिजली गुल हो गई तो करीब दो किमी दूर हार में स्थित खेती किसानी के लिए खोदे गए कुओं से पानी भरकर लाना पड़ता है। भीषण गर्मी में यहां रस्सी- बाल्टी से पानी खींचकर बर्तन भरने पड़ते हैं फिर उनको सिर पर रखकर गांव में लाना पड़ता है। तब कहीं पानी की पूर्ति हो पाती है।
क्या कहते हैं ग्रामीण

  • गांव की नल जल योजना शुरू नहीं होने पर दूसरे गांव के बोर से लेजम के द्वारा थाटीपुरा के सूखे कुएं में पानी भर रहे हैं। इसमें गांव के सक्षम लोगों ने मोटर डाली ली है, उनसे 300 रुपए महीना किराए पर पानी खरीद रहे हैं।
    संजय जाटव, ग्रामीण
  • तीन साल पूर्व गांव में टंकी बनी थी, पाइप लाइन भी डाली गई थी लेकिन बाद में ठेकेदार पाइप लाइन खींचकर ले गया। गांव के लोग पानी के लिए बेहद परेशान हैं। सारे काम छोडकऱ पानी पर ही ध्यान रहता है।
    बालिस्टर सिंह, ग्रामीण
  • गांव में पानी की समस्या लंबे समय से है। यहां एक भी हैडपंप नहीं हैं। फिलहाल तो कोर्ट सिरथरा के बोर से पानी आ रहा है लेकिन बिजली गुल होने पर काफी परेशानी होती है।
    ललिता, ग्रामीण
  • चार किमी दूर कोर्ट सिरथरा से पानी गांव के सूखे कुआं में भर रहे हैं। इसमें गांव के ही कुछ लोगों ने मोटर डाली ली हैं, उनसे 300 रुपए महीने देकर पानी खरीद रहे हैं।
    रामकटोरी, ग्रामीण
सरपंच बोले: ठेकेदार ले गया पाइप लाइन
ग्राम पंचायत थाटीपुरा के सरपंच ब्रजेश जाटव का कहना है कि गांव में तीन साल पूर्व नल जल योजना के तहत टंकी बनाई थी, उससे पाइप लाइन भी जोड़ी गई लेकिन बोर फेल होने पर उसमें पानी नहीं भर सका। बाद में ठेकेदार पाइप लाइन खींचकर ले गया।
ठेकेदार बोले: चोरी हो गई ढाई हजार मीटर की पाइप लाइन
थाटीपुरा पंचायत में नल जल योजना का काम करने वाले ठेकेदार प्रजाबंधु ने बताया कि गांव में करीब आठ किमी तक पाइप लाइन बिछाई गई थी। लेकिन ढाई हजार मीटर पाइप लाइन चोरी हो गई। गांव में बोर सफल नहीं हुआ तो कोर्ट सिरथरा में बोर कराया, वहां से पाइप लाइन डालकर गांव के सूखे कुआं में पानी स्टोर कर रहे हैें। वहां से ग्रामीणों को पानी उपलब्ध हो रहा है।
कार्यपालन यंत्री एस एल बाथम की पत्रिका से सीधी बातचीत
पत्रिका: थाटीपुरा पंचायत में तीन साल पूर्व टंकी बन चुकी है फिर गांव वालों को पानी क्यों नहीं मिल पा रहा है।
ई ई: नल जल योजना का कार्य अभी चल रहा है, जल्द ही पूरा किया जाएगा।
पत्रिका: टंकी बनाने से पूर्व बोर नहीं कराया गया।
ई ई: गांव में पहले टंकी के निर्माण के लिए स्थल चयन किया, उसके बाद बोर कराया जो वहां पानी नहीं निकला, इसलिए गांव से दूर जल स्रोत से पानी की व्यवस्था की जा रही है।
पत्रिका: डेढ़ करोड़ रुपया खर्च होने के बाद भी योजना तीन साल से बंद पड़ी है क्यों।
ई ई: बंद नहीं हैं, कार्य प्रगति पर है। टंकी को देखने से लगता है लेकिन कोई भी संरचना शुरू होने पर दिखाई देती है।

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