
CG Medical Student: छत्तीसगढ़ के रायपुर प्रदेश के निजी में पहली बार सरकारी मेडिकल कॉलेजों से हाई कट ऑफ वाले छात्र एडमिशन लेंगे। इसकी प्रमुख वजह देशभर में नीट यूजी का स्कोर हाई जाना है। दूसरी बड़ी वजह दूसरे राज्यों की तुलना में यहां फीस कम है। यही कारण है कि दूसरे राज्यों के छात्र प्रदेश में निजी मेडिकल कॉलेजों के मैनेजमेंट कोटे में प्रवेश लेने जा रहे हैं। इस बार सबसे हाई स्कोर 653 वाले छात्र प्रवेश लेंगे। जबकि इससे कम 579 नीट स्कोर वाले छात्र को सरकारी मेडिकल कॉलेज में ईडब्ल्यूएस कोटे की सीट मिली है। ऐसे 75 से ज्यादा छात्र होंगे, जिनका कट ऑफ सरकारी कॉलेज में प्रवेश लेने वाले छात्रों से ज्यादा होगा।
CG Medical Student: हमेशा से ट्रेंड रहा है कि जिन्हें सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस की सीट नहीं मिल पाती, वे निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेते हैं। इसके कारण कट ऑफ भी सरकारी से कम जाता है। पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि निजी में मैनेजमेंट कोटे में दूसरे राज्यों के छात्र प्रवेश ले सकते हैं। हाई कट ऑफ वाले छात्र दूसरे राज्यों के हैं, जिनमें मध्यप्रदेश प्रमुख है। 653 स्कोर वाले छात्र प्रदेश में इसलिए एडमिशन ले रहा है, क्योंकि उन्हें मप्र में सीट मिलने की संभावना कम होगी। वहां मैनेजमेंट कोटे में प्रवेश लेता तो भी उन्हें छत्तीसगढ़ से ज्यादा फीस पटानी होती। चूंकि एमबीबीएस का सिलेबस देशभर में समान है इसलिए कम फीस होने के कारण दूसरे राज्यों के छात्र छत्तीसगढ़ में प्रवेश लेने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
निजी कॉलेजों में एनआरआई कोटे की सीटों के लिए भी आवंटन हो गया है। 200 नीट स्कोर वालों को भी सीट मिली है। वर्तमान में एनआरआई कोटा स्पांसरशिप हो गया है। इसके कारण कोई भी एनआरआई प्रदेश में रहने वाले को परिचित व रिश्तेदार बताकर एनआरआई बना देता है। इस कारण दलाल व एजेंटों की भूमिका बढ़ गई है। कॉलेज प्रबंधनों का दावा है कि एडमिशन नीट स्कोर व मेरिट के अनुसार होता है। प्रदेश में एनआरआई कोटे की 103 सीटें हैं।
एडमिशन के पहले दिन नेहरू मेडिकल कॉलेज में 11 व बालाजी मेडिकल कॉलेज में एक छात्र ने एडमिशन लिया। रिम्स व रावतपुरा का खाता नहीं खुल पाया है। छात्रों को 5 सितंबर को शाम 5 बजे तक एडमिशन लेना होगा। रविवार को भी एडमिशन की प्रक्रिया जारी रहेगी। नेहरू कॉलेज के ऑडिटोरियम में प्रवेश की प्रक्रिया की जा रही है। यहां तीनों निजी कॉलेज के छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया चलेगी। इसमें दस्तावेजों का सत्यापन भी शामिल है।
छत्तीसगढ़ 7.45 से 8.02
मध्यप्रदेश 9.45 से 16.35
महाराष्ट्र 21.33
राजस्थान 35.00
ओडिशा 17.90
(ये ट्यूशन फीस है, लाख में)
कुछ निजी कॉलेजों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सालाना फीस 25 लाख करने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने फीस बढ़ाने का अधिकार फीस विनियामक कमेटी को दे दिया। कमेटी ने फीस बढ़ाने से इनकार कर दिया। उनका तर्क है कि छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय कम है। पड़ोसी राज्यों से तुलना करते हुए फीस तय की गई है। जबकि कॉलेजों का कहना है कि दूसरे राज्यों की तुलना में यहां फीस काफी कम है। ऐसे में फीस बढ़ाने की जरूरत है।
इस बार नीट स्कोर काफी हाई गया है इसलिए मैनेजमेंट कोटे में अच्छे स्कोर वाले एडमिशन ले रहे हैं। फीस, फीस विनियामक कमेटी तय करती है। कॉलेजों ने फीस बढ़ाने की मांग की थी। कमेटी ने सुविधा के अनुसार फीस तय की है।
Updated on:
01 Sept 2024 10:45 am
Published on:
01 Sept 2024 10:44 am
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