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NEET UG 2024: दूसरे व आखिरी राउंड में प्रवेश के बाद नहीं छोड़ सकते एमबीबीएस की सीट, भरनी होगी 25 लाख की पेनाल्टी

NEET UG 2024: रायपुर के मेडिकल कॉलेजों में दूसरे व आखिरी राउंड में एमबीबीएस में प्रवेश लेने के बाद छात्र सीट नहीं छोड़ पाएंगे। अगर वे सीट छोड़ते हैं तो अनारक्षित वर्ग के छात्रों को 25 लाख व आरक्षित वर्ग के छात्रों को 20 लाख रुपए पेनाल्टी देनी होगी। रैंक के अनुसार छात्रों को सीट खाली रहने पर दूसरा कॉलेज मिल सकता है।

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NEET UG Result

NEET UG 2024:पीलूराम साहू. छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर के मेडिकल कॉलेजों में दूसरे व आखिरी राउंड में एमबीबीएस में प्रवेश लेने के बाद छात्र सीट नहीं छोड़ पाएंगे। अगर वे सीट छोड़ते हैं तो अनारक्षित वर्ग के छात्रों को 25 लाख व आरक्षित वर्ग के छात्रों को 20 लाख रुपए पेनाल्टी देनी होगी। पहले राउंड में भी सीट मिलने पर एडमिशन लेना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने पर छात्र को पूरी काउंसलिंग प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा। इससे छात्र का पूरा एक साल बर्बाद हो जाएगा। कॉलेजों में प्रवेश के लिए पहली आवंटन सूची 30 अगस्त को आएगी।

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NEET UG 2024: अंतिम राउंड में प्रवेश लेने वाले भी सीट नहीं छोड़ सकते

प्रदेश के 15 मेडिकल कॉलेजों की 2130 सीटों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व च्वाइस फिलिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। मेरिट सूची आ गई है। दूसरे व आखिरी राउंड में सीट छोड़ने पर पेनाल्टी का प्रावधान इसलिए किया गया है, क्योंकि एडमिशन के लिए तीसरे राउंड में मापअप व चौथे में स्ट्रे राउंड ही बचता है। अंतिम राउंड में प्रवेश लेने वाले भी सीट नहीं छोड़ सकते, क्योंकि इसके बाद एडमिशन के लिए समय ही नहीं बचता। प्रवेश के आखिरी तारीख के बाद बची सीटें लैप्स हो जाती हैं। हालांकि एमबीबीएस कोर्स में ऐसा नहीं होता। तीन साल पहले जरूर सरकारी मेडिकल कॉलेजों की 22 सीटें लैप्स हो गई थीं। तब दुर्ग, महासमुंद, कोरबा व अन्य कॉलेजों में सेंट्रल पुल व ऑल इंडिया कोटे की सीटें नहीं भर पाई थीं।

कॉलेजों ने सीटों को कन्वर्ट कर स्टेट कोटे से भरने की मांग एनएमसी से की थी, लेकिन मंजूरी नहीं मिली थी। शुक्रवार को जब आवंटन सूची आएगी, तब प्रदेश के 10 सरकारी कॉलेजों में सीट मिलने पर सभी छात्रों को हर हाल में प्रवेश लेना होगा। ये देखने की जरूरत नहीं कि पसंद का कॉलेज मिला है या नहीं। अगर कॉलेज बदलने की इच्छा है तो अपग्रेडेशन का विकल्प भरना होगा। रैंक के अनुसार छात्रों को सीट खाली रहने पर दूसरा कॉलेज मिल सकता है।

5738 छात्रों के नाम मेरिट में, अच्छी रैंक वालों का प्रवेश

डीएमई कार्यालय ने जो मेरिट सूची जारी की है, उसमें 5738 छात्रों के नाम है। मेडिकल कॉलेजों में उन्हीं का प्रवेश कंफर्म होगी, जिनकी रैंक अच्छी है अथवा नीट स्कोर हाई है। काउंसलिंग एजेंसी ने मेरिट सूची में छात्रों का नाम तो दिया है, लेकिन नीट स्कोर नहीं है। इसमें किस बात की गोपनीयता बरती जा रही है, ये एजेंसी या अधिकारी ही बता सकते हैं। छात्रों के पिता का नाम गायब है। इससे दो या अधिक छात्रों के एक नाम होने पर कंफ्यूजन होना तय है। विशेषज्ञों के अनुसार छात्र के साथ पिता का नाम जरूरी होता है। यह उनकी पहचान भी होती है।

इन नियमों पर भी ध्यान दें छात्र- आरक्षित वर्ग के छात्रों के पास एडमिशन के समय जाति व निवासी प्रमाणपत्र जरूर हाें।

  • जनरल केटेगरी से एडमिशन ले रहे हैं तो भी छत्तीसगढ़ का मूल निवासी प्रमाणपत्र जरूरी।
  • निजी मेडिकल कॉलेजों में मैनेजमेंट की सीटों पर दूसरे राज्यों के छात्रों को प्रवेश दे सकते हैं।
  • सभी जरूरी दस्तावेज न होने पर एडमिशन से वंचित किया जा सकता है स्टूडेंट्स को।
  • आखिरी राउंड में पहले से पंजीकृत छात्र-छात्राएं ही एडमिशन के लिए पात्र होंगे।
  • अंतिम आवंटन में छात्र को स्वयं उपस्थित होना होगा। अथारिटी लेटर नहीं चलेगा।
  • निर्धारित ऑनलाइन व पंजीयन शुल्क पटाना जरूरी, नहीं तो काउंसिलिंग के लिए अपात्र।

प्रदेश में मेडिकल कॉलेज व सीटें

कॉलेज सीटें
रायपुर 230
दुर्ग 200
बिलासपुर 150
राजनांदगांव 125
जगदलपुर 125
अंबिकापुर 125
कांकेर 125
कोरबा 125
महासमुंद 125
रायगढ़ 100
बालाजी 150
रिम्स 150
शंकराचार्य 150
रावतपुरा 150
अभिषेक 100

कुल 2130