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असामयिक बारिश से किसानों के चेहरे पर चिंता, आखिर क्या होगा मानसून सीजन में..पढि़ए

तापमान में कमी से खेतों को नहीं मिल रही कड़ी धूप

छिंदवाड़ाMay 14, 2024 / 04:40 pm

manohar soni

छिंदवाड़ा.अप्रेल के बाद मई में असामयिक बारिश मानसून सीजन को लेकर किसानों की चिंता बढ़ रही है। तापमान की कमी से खेतों की जमीन को कड़ी धूप नहीं मिल पा रही है। इससे खरीफ सीजन के मौसम चक्र पर असर पड़ सकता है। उनकी उम्मीदें अब केवल नौतपा पर टिकी है।
पिछले दो माह से मौसम का मूड बिगड़ा पड़ा है। अप्रेल में धूप की जगह अधिकांश दिनों में बारिश, ओलावृष्टि दिखाई दी। मई में भी पिछले सप्ताह से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। आसमान में छाए बादलों से तापमान में भी गिरावट आई है। इस मौसम से किसानों की बेचैनी बढ़ रही है। किसानों के मुताबिक मई की चिलचिलाती धूप और गर्मी खेत के लिए जरूरी है। इससे खरीफ सीजन की फसल का बेहतर उत्पादन आता है। असामायिक बारिश से इस सिस्टम में बाधा आ रही है।
प्रगतिशील किसान राहुल वसूले का कहना है कि मई का मौसम से कृषि जगत चिंतिंत है। इससे खरीफ सीजन का फसल चक्र प्रभावित हो सकता है। भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष मेरसिंह चौधरी कहते हैं कि किसानों की उम्मीद नौतपा पर टिकी है। नौतपा में पर्याप्त गर्मी जमीन को मिल जाए तो अगले माह जून से शुरू हो रहे खरीफ सीजन की फसल बोवाई में इसका लाभ मिल सकता है। ये गर्मी और बारिश का पूरा सिस्टम एक-दूसरे से जुड़ा है। हालांकि इस असामयिक बारिश से ग्रीष्मकालीन मंूग-उड़द और सब्जियों को फायदा है लेकिन खरीफ सीजन के लिए नुकसानदेह है। हम खुले मौसम की आशा कर रहे हैं।

मई के अंतिम सप्ताह में तय होगा खरीफ का लक्ष्य
छिंदवाड़ा-पांढुर्ना जिले में खरीफ सीजन में खेती का लक्ष्य करीब 5 लाख हैक्टेयर है। इसमें सबसे अधिक 3 लाख हैक्टेयर में मक्का है तो शेष में धान, मंूग, उड़द, तुअर, सोयाबीन, ज्वार जैसी फसलें हैं। कृषि विभाग इस समय किसानों के लिए खाद-बीज के इंतजाम में जुटा है। इस मई के अंतिम सप्ताह में खरीफ सीजन की फसलों का लक्ष्य तय हो जाएगा। इसके लिए भी विभाग तैयारी में जुटा हुआ है।

इनका कहना है…

खरीफ सीजन में फसलों का लक्ष्य को लेकर जल्द ही एपीसी की बैठक होगी। जिसमें राज्य स्तर के अधिकारियों के साथ संवाद कर इसे फाइनल किया जाएगा।
-जितेन्द्र कुमार सिंह, उपसंचालक कृषि।

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