scriptदृढ़ इच्छा शक्ति हो तो नामुमकिन नहीं तंबाकू छोडऩा | world no tpbecco day | Patrika News
समाचार

दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो नामुमकिन नहीं तंबाकू छोडऩा

गुटखा तंबाकू के सेवन से लोगों की सेहत खराब हो रही है। यह स्वास्थ्य के लिए ही नहीं पर्यावरण के लिए भी खतरा है। तंबाकू उत्पादों में करीब 61 तरह के कैंसर कारक होते हैं। इससे कई लोग कैंसर की चपेट में आ गए है। इसके बाद भी लोग लगातार इसका सेवन कर स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे है। विशेषकर युवा और महिलाएं भी सेवन कर रही है। हालांकि ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जिन्होंने गुटखा तंबाकू का सेवन बंद कर समाज के सामने मिसाल पेश की है। कुछ तो गुटखा, और अन्य तंबाकू उत्पाद छोडऩे के बाद अब लोगों को इस बूरी लत को त्यागने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही बारां जिले में उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) के पद पर सेवारत डॉ. राजेन्द्र कुमार मीणा भी कर रहे है। उन्होंने शुक्रवार को विश्व तंबाकू निषेद्य दिवस के मौके पर गुरुवार को पत्रिका को इसकी जानकारी दी।

बारांMay 31, 2024 / 12:19 am

mukesh gour

गुटखा तंबाकू के सेवन से लोगों की सेहत खराब हो रही है। यह स्वास्थ्य के लिए ही नहीं पर्यावरण के लिए भी खतरा है। तंबाकू उत्पादों में करीब 61 तरह के कैंसर कारक होते हैं। इससे कई लोग कैंसर की चपेट में आ गए है। इसके बाद भी लोग लगातार इसका सेवन कर स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे है। विशेषकर युवा और महिलाएं भी सेवन कर रही है। हालांकि ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जिन्होंने गुटखा तंबाकू का सेवन बंद कर समाज के सामने मिसाल पेश की है। कुछ तो गुटखा, और अन्य तंबाकू उत्पाद छोडऩे के बाद अब लोगों को इस बूरी लत को त्यागने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही बारां जिले में उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) के पद पर सेवारत डॉ. राजेन्द्र कुमार मीणा भी कर रहे है। उन्होंने शुक्रवार को विश्व तंबाकू निषेद्य दिवस के मौके पर गुरुवार को पत्रिका को इसकी जानकारी दी।

गुटखा तंबाकू के सेवन से लोगों की सेहत खराब हो रही है। यह स्वास्थ्य के लिए ही नहीं पर्यावरण के लिए भी खतरा है। तंबाकू उत्पादों में करीब 61 तरह के कैंसर कारक होते हैं। इससे कई लोग कैंसर की चपेट में आ गए है। इसके बाद भी लोग लगातार इसका सेवन कर स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे है। विशेषकर युवा और महिलाएं भी सेवन कर रही है। हालांकि ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जिन्होंने गुटखा तंबाकू का सेवन बंद कर समाज के सामने मिसाल पेश की है। कुछ तो गुटखा, और अन्य तंबाकू उत्पाद छोडऩे के बाद अब लोगों को इस बूरी लत को त्यागने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही बारां जिले में उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) के पद पर सेवारत डॉ. राजेन्द्र कुमार मीणा भी कर रहे है। उन्होंने शुक्रवार को विश्व तंबाकू निषेद्य दिवस के मौके पर गुरुवार को पत्रिका को इसकी जानकारी दी।

विश्व तंबाकू निषेद्य दिवस पर विशेष: पहले खुद छोड़ा, अब कर रहे लोगों को प्रेरित
बारां.
गुटखा तंबाकू के सेवन से लोगों की सेहत खराब हो रही है। यह स्वास्थ्य के लिए ही नहीं पर्यावरण के लिए भी खतरा है। तंबाकू उत्पादों में करीब 61 तरह के कैंसर कारक होते हैं। इससे कई लोग कैंसर की चपेट में आ गए है। इसके बाद भी लोग लगातार इसका सेवन कर स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे है। विशेषकर युवा और महिलाएं भी सेवन कर रही है। हालांकि ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जिन्होंने गुटखा तंबाकू का सेवन बंद कर समाज के सामने मिसाल पेश की है। कुछ तो गुटखा, और अन्य तंबाकू उत्पाद छोडऩे के बाद अब लोगों को इस बूरी लत को त्यागने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही बारां जिले में उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) के पद पर सेवारत डॉ. राजेन्द्र कुमार मीणा भी कर रहे है। उन्होंने शुक्रवार को विश्व तंबाकू निषेद्य दिवस के मौके पर गुरुवार को पत्रिका को इसकी जानकारी दी।

टोकता हूं तो लोग सामने नहीं खाते


डॉ. राजेन्द्र मीणा ने कहा कि पहले वह कभी कभी गुटखा खा लेते थे। चुपके से खाता था। बाद में सरकार ने गुटखा ओर उसका तंबाकू अलग किया। उसके बाद उन्होंने गुटखा खाना बंद कर दिया। वर्ष 2010- 2011 में उन्होंने गुटखा छोड़ दिया। अब लोगों को टोकता रहता हूं। उन्हें गुटखा से होने वाले नुकसान बताता हूं। इससे कई लोग तो उनके सामने गुटखा खाने से कतराते रहते है। अब लम्बे समय से राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी होने से स्कूल, कॉलेज, पुलिस, अभिभाषक, कारागृह के बंदी, बीड़ी श्रमिक, तंबाकू विक्रेता आदि के साथ कार्यशाला कर उन्हें प्रेरित करते रहते हैं।

2 लाख 20 हजार लोग कर रहे सेवन


गुटखा, तंबाकू, सिगरेट ओर अन्य नशा देने वाले पदार्थो का सेवन छोडऩा बहुत अधिक मुश्किल नहीं है। मन में ठान ले तो यह नामुमकीन नहीं है। अच्छा शक्ति होना चाहिए। कोरोना काल में कई लोगों ने इच्छा शक्ति दिखाई तो उन्हें सफलता भी मिली है। एक संस्था की ओर से पूर्व में किए सर्वे के मुताबिक अकेले बारां जिले में करीब 2 लाख 20 हजार लोग विभिन्न तरह के तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे है। ये लोग प्रतिदिन करीब एक करोड़ से अधिक का गुटखा, तंबाकू चबा कर थूक रहे हैं। जिले की करीब 14 लाख की आबादी में से गुटखा व तंबाकू उत्पाद खाने वाले ये लोग प्रतिमाह करीब 33 करोड़ की भारी भरकम राशि इसी पर खर्च कर रहे हैं। इस राशि के बचने से जिले में प्रतिमाह कितने जनउपयोगी विकास कार्य ओर सेवा कार्य किए जा सकते हैं।

Hindi News/ News Bulletin / दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो नामुमकिन नहीं तंबाकू छोडऩा

ट्रेंडिंग वीडियो