नोटबंदी के चलते मौत पर पहला मुआवजा, रजिया के परिवार को 5 लाख देगी अखिलेश सरकार
बैंक से कैश न मिल पाने से आहत रजिया ने खुद को आग लगा ली थी। दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
अलीगढ़। नोटबंदी के बाद अलीगढ़ की रहने वाली रजिया की मौत हो गयी थी। इस मामले में यूपी की अखिलेश सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया है। रज़िया की मौत पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दुख व्यक्त किया। साथ ही परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उनके परिजन को ‘मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष’ से पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। नोटबंदी के चलते हुई मौत के मामले में ये अब तक का पहला ऐसा मामला है, जिसमें सपा सरकार की ओर से मुआवजा दिया गया।
ये था पूरा मामला
देहली गेट इलाके के शाह जमाल की रहने वाली रजिया को बैंक से पैसे नहीं मिल रहे थे।रजिया कई दिनों से पूरे दिन लाइन में लगकर शाम को खाली हाथ लौट आती थी। हालांकि शुरु में उसने चार हजार रुपये निकाले थे, लेकिन 10 दिन में खत्म हो गये। पैसे नहीं होने के चलते घर के हालात बिगड़ने लगे। बैंक से रुपये न मिल पाने से आहत रज़िया ने मिट्टी का तेल डाल कर खुद को आग लगा ली। आग की लपटे देख पड़ोसियों ने रजिया को बचाया और जिला अस्पताल भर्ती कराया।
इलाज के दौरान हुई थी मौत
शासन के प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि नोटबंदी के बाद रज़िया को कारखाने से मजदूरी के रूप में 500-500 के छह नोट मिले थे। जिसे बदलवाने के लिए वो बैंक में लगातार तीन दिन तक कोशिश करती रहीं, लेकिन नोट बदलने में सफल नहीं हो पायीं। जिससे आहत रज़िया ने अपने आप को आग लगा ली। गंभीर रूप से जली रज़िया का जिला मलखान सिंह अस्पताल, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और नई दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में इलाज चला। इलाज के दौरान चार दिसंबर को उसकी मौत हो गई। मुख्यमंत्री ने उसके परिवार की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए परिजन को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
अन्य मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश में नोटबंदी के बाद बैंकों एवं एटीएम की कतार में नोट बदलवाने के लिए लगे लोगों की मौत को दुखद बताते हुए आर्थिक रूप से कमजोर सभी मृतकों के परिजनों को दो- दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।